Madhya Pradesh government school teachers recruitment EWS High Court news
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा भर्ती प्रक्रिया में EWS आरक्षण का प्रावधान तो कर दिया क्या परंतु नोडल एजेंसी लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल ने बड़ी ही चतुराई के साथ EWS उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी। SC-ST के पद बैकलॉग किए गए परंतु EWS-OBC के पद बैकलॉग भी नहीं किए गए। उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करके इस मामले में सभी पक्षों का जवाब मांगा है।
मेरिट के बाद भी EWS कैंडीडेट्स को होल्ड कर दिया
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इस सिलसिले में स्कूल शिक्षा सचिव, आयुक्त लोक शिक्षण और व्यावसायिक परीक्षा मंडल के चेयरमैन को नोटिस जारी किए हैं। याचिकाकर्ता सतना निवासी साधना मिश्रा के अलावा छिंदवाड़ा, ग्वालियर, उज्जैन, राजगढ़, सीहोर, मुरैना छतरपुर, देवास, अनूपपुर के ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने हाई कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ताओं ने उच्च शिक्षक पात्रता परीक्षा परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है, इसके बावजूद राज्य शासन ने उनकी नियुक्तियां होल्ड पर रख दी हैं।
राज्य शासन ने 26 दिसंबर, 2019 में भर्ती नियम में संशोधन कर अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत अन्य आरक्षित वर्गों की तरह ईडब्ल्यूएस के लिए भी 10 प्रतिशत पद आरक्षित किये थे। उन्होंने बताया कि कुल 17 हजार पदों पर नियुक्तियां होनी हैं, जिनमें से अब तक केवल 8470 पद ही भरे गए हैं। इनमें से ईडब्लयूएस के अधिकतर पद रिक्त पड़े हैं। यह दलील भी दी गई कि वहीं दूसरी ओर रोक के बावजूद ओबीसी को 14 की जगह 27 प्रतिशत पदों पर नियुक्तियां दी जा रही हैं।
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