Madhya Pradesh Government employees High Court news
गृह विभाग, मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत जबलपुर पुलिस के आईजी से हाईकोर्ट ने पूछा है कि, कर्तव्य के प्रति लापरवाह के आरोप में 3 आरक्षकों को सस्पेंड किया गया लेकिन एक आरक्षक को बर्खास्त किया, दूसरे को अनिवार्य सेवानिवृत्ति और तीसरे को बहाल। ऐसा क्यों किया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि, या तो हलफनामा पेश करें अन्यथा खुद हाजिर हो कर जवाब दें। सुनवाई की तारीख 21 जून 2023 निर्धारित की गई है।
आरक्षक की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी केस लड़ रही है
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी जोगेन्द्र सिंह ने वर्ष 2014 में याचिका दायर की थी, लेकिन उसकी मृत्यु के बाद अब पत्नी सरोज राठौर केस लड़ रही है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रमोद सिंह तोमर व संजीव तुली ने पक्ष रखा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रमोद सिंह तोमर व संजीव तुली ने हाई कोर्ट में दलील दी कि 21 जनवरी, 2009 को जोगेन्द्र, उजियार सिंह और राजकुमार तिवारी एक आरोपी सोनू दिवाकर को पेश पर लेकर जा रहे थे। लाकअप में रखा गया आरोपित उनकी कस्टडी से भाग निकला।
विभागीय जांच में तीनों दोषी पाए गए थे, बर्खास्त किए गए थे
इस मामले में चार्जशीट और विभागीय जांच के बाद एसपी ने 11 जनवरी 2010 को तीनों पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। कोर्ट को बताया गया कि उजियार को बाद में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई और आइजी के आदेश पर राजकुमार को वापस सेवा में ले लिया गया। कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि एक ही आरोप में सजा पाए पुलिस कर्मियों के साथ अलग-अलग व्यवहार क्यों किया गया। कोर्ट ने आइजी को निर्देश दिए कि वे हलाफनामे के साथ याचिकाकर्ता और राजकुमार से जुड़े सभी दस्तावेज भी पेश करें।
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