Madhya Pradesh school education news
MPBSE (madhya Pradesh board off Secondary Education) ने शिक्षा सत्र 2023-24 के लिए इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी से रिलेटेड कोर्स शुरू कर दिए है। यह समाचार सुनने में तो बड़ा पॉजिटिव साउंड करता है। अब हमारे मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चे भी आईटी एक्सपर्ट होंगे, लेकिन एक्चुअल में एक बड़ी प्रॉब्लम यह है कि इन कोर्स को पढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के पास कोई टीचर ही नहीं है।
जो टीचर्स शिक्षा मित्र एप से डरते हो वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे पढ़ाएंगे
बड़ा सरल से सवाल है। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में कितने प्रतिशत शिक्षक और कर्मचारी हैं जिन्हें इंटरनेट का बेसिक यूज आता हो। ज्यादातर शिक्षक और कर्मचारियों के लिए तो व्हाट्सएप और फेसबुक ही इंटरनेट है। कैसे भूल सकते हैं कि एम शिक्षा मित्र मोबाइल एप को लेकर कितने तमाशे हुए थे। अभी भी यदि डिपार्टमेंट की किसी वेबसाइट का इंटरफ़ेस बदल दिया जाए तो बवाल मच जाता है। ऐसे शिक्षकों से कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसा सब्जेक्ट पढ़ा पाएंगे।
MP BOARD पहले अपनी वेबसाइट तो सुधार लें, उसके बाद आईटी की बात करें
माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश, भोपाल के सचिव श्रीकांत भनोट ने बयान दिया है कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने पर जोर दिया है इसलिए सरकारी स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित मशीन लर्निंग, डाटा प्रोसेसिंग, सेंटीमेंट एनालिसिस, सॉफ्टवेयर, कोडिंग और जावा जैसे सब्जेक्ट पढ़ाया जाएंगे। कितनी अजीब बात है कि यह बयान उस संस्थान के सचिव दे रहा है जिसकी अपनी वेबसाइट 21 मार्च से अपडेट नहीं हुई है। कैटेगरी इस बनी हुई है परंतु उसमें डॉक्यूमेंट नहीं है।
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