Madhya Pradesh news
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में वन विभाग के वर्दीधारी अधिकारियों ने शतचंडी यज्ञ कर रहे प्राचीन बलारी माता मंदिर के महंत पर लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में महंत का हाथ टूट गया। भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्री वीरेंद्र रघुवंशी ने निहत्थे और अकेले महंत पर लाठीचार्ज का वीडियो वायरल करते हुए वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।
मध्यप्रदेश के वन विभाग ने शतचंडी यज्ञ रोक दिया
बलारी माता मंदिर में शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। विश्व के कल्याण हेतु पर्यावरण की शुद्धि के लिए शतचंडी यज्ञ अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों में इसके महत्व का उल्लेख है। वन विभाग की टीम ने इतना महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान रोक दिया। शतचंडी यज्ञ का आयोजन कर रहे महंत पर लाठीचार्ज कर दिया।
महंत पर झूठा आरोप लगाने अपनी गाड़ी का कांच तोड़ लाएं
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बताया कि वन विभाग के लोग महंत पर झूठा आरोप लगाने के लिए अपनी ही गाड़ी का कांच तोड़ कर ले आए। सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने का मामला दर्ज कर आने लगे। वन विभाग के पास ऐसा कोई वीडियो नहीं है, जिसमें मंदिर के श्रद्धालु अथवा महंत द्वारा उन पर हमला किया जा रहा हो परंतु उनके द्वारा महंत पर हमला किया गया इसका वीडियो उपलब्ध है।
विवाद की जड़ क्या है
कार्बन डेटिंग से पता चलता है कि, शिवपुरी जिले में स्थित बलारी माता का मंदिर की प्रतिमा 1000 साल (सन 1025) पुरानी है। यहां माता की स्वयंभू प्रतिमा है जो चट्टान में से निकली है। इतिहास में दर्ज है कि इस मंदिर पर सबसे पहला नेजा राजा नल द्वारा चलाया गया था। आज भी नवरात्रि में सबसे पहला नेजा, राजा नल के नाम का ही चढ़ाया जाता है। सन 1860 में भारत में वन विभाग की स्थापना हुई और सन 1947 में भारत के आजाद होने के बाद सन 1956 में वन विभाग ने बलारी माता मंदिर को अपनी संपत्ति घोषित कर दिया। तभी से वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मंदिर परिसर में उपद्रव किया करते हैं। वह श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने देते। रास्ता बंद कर देते हैं। अंदर जाने वाले वाहनों को जप्त कर लेते हैं और महंत एवं उनके शिष्यों के साथ के साथ मारपीट करते हैं ताकि वह मंदिर छोड़कर चले जाएं।
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