अनामिका मिश्रा, कटनी। ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के दशरमन गांव में एक सैकड़ों साल पुरानी बावड़ी है। पूरी तरह से सूखी हुई। पास एक कुआं है, वह भी सूखा हुआ। ऊपर की तरफ तो हैंडपंप है लेकिन एक बूंद पानी नहीं निकलता। सोमवार को मंदिर के पुजारी ने प्रार्थना की। मंगलवार को हनुमान जी का चोला चढ़ाकर पुजारी जैसे ही वापस लौटे। हनुमान जी की प्रतिमा के चरणों के नीचे सीढ़ियों के बीच में से एक जलधारा फूट चुकी थी। इसका पानी सीधे बावड़ी के नजदीक वाले कुएं में जा रहा है। कुएं का जलस्तर बढ़ने लगा है और मंदिर का प्रताप चारों तरफ फैलने लगा है।
दशरमन हनुमान मंदिर में भक्तों की भीड़
जब ग्रामीणों को यह जानकारी लगी तो बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ बावली में लग गई। लगातार पानी निकलता देख लोग बर्तनों में पानी भरकर घर ले जाने लगे। जबकि कुछ लोग हनुमान मंदिर में जल अर्पित (चढ़ाकर) कर प्रसाद मानकर ग्रहण भी कर रहे हैं । बावली के बिल्कुल करीब एक कुआ भी है जो कई महीनों से सूखा पड़ा था। उस कुएं में भी पानी भरने लगा। क्षेत्र के लोग मंदिर में विराजमान दक्षिण मुखी हनुमान जी को इस जलधारा फूटने का चमत्कार मान रहे हैं। मंदिर के पुजारी पंडित ज्वाला बड़गैया ने बताया कि मंदिर के आसपास लगे हुई दो हैंडपंप भी भीषण गर्मी के सूखे बंद पड़े है। पाइप भी बिछाई गई लेकिन पानी नही आया।
पुजारी ने रात को हनुमान जी से प्रार्थना की थी
मन्दिर के पुजारी ज्वाला बड़गैया जी ने सोमवार रात को मंदिर में दक्षिण मुखी हनुमान जी का पूजन कर पानी मिलने और जलसंकट से निजात पाने के लिए प्रार्थना की थी और मंगलवार को मन्दिर हनुमान जी का पूजन अर्चन किया, चोला चढ़ा लौटकर देखे तो बावली की सीढ़ियों से पानी की धारा निरन्तर तेज गति से बह रही थी। जिसे सभी ग्राम के लोग हनुमान जी का चमत्कार ही मान रहे हैं कि इतनी भीषण गर्मी और जलसंकट के दिनों में भी जलधारा निकल आई और सूखे बाबली कुंआ में भी बिना किसी खुदाई के पानी आ गया।
हनुमान जी की कृपा से मंगल को मंगल
ग्राम के लोग इसे दक्षिणमुखी हनुमान जी का चमत्कार मान रहे है। वहीं गांव के पंडित रमेश गर्ग ने बताया कि यह बावली सैकड़ों वर्ष पुरानी है। यहाँ मन्दिर में दक्षिण मुखी बजरंगबली की मूर्ति विराजमान है। मंदिर के आसपास पानी का बहुत ज्यादा अभाव है। यह ईश्वर के चमत्कार से ही होना संभव है। जहां पर इतनी भीषण गर्मी और जलसंकट के दिनों में भी जीवित जलस्त्रोत सूख जाते हैं वहीं इस मई की भीषण गर्मी के बीच सूखे कुएं और बाबली में बिना खुदाई के पानी आना हनुमान जी का चमत्कार ही है। जो क्षेत्रीय लोगों में कौतूहल का विषय बना हुआ है और जिसे जानकारी मिलती वह पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ देखने पहुंच रहे हैं।
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