Madhya Pradesh government doctor Strike, high Court decision
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। डॉक्टरों को तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने यह फैसला एक जनहित याचिका की तत्काल सुनवाई के बाद सुनाया। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि डॉक्टरों को किसी भी प्रकार की हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं है।डॉक्टरों को किसी भी प्रकार की हड़ताल का अधिकार नहीं: हाई कोर्ट
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में जारी डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर तत्काल काम पर लौटे। डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आगे से बिना अनुमति हड़ताल नहीं करें। भविष्य में टोकन स्ट्राइक को भी हाईकोर्ट ने अवैध बताया। याचिका जबलपुर के पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने लगाई थी। जिस पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों की मीटिंग
मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने हाईकोर्ट के आदेश पर कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के संबंध में संगठन पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि हम किसी भी कीमत पर हड़ताल वापस नहीं लेंगे। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर में हड़ताली डॉक्टरों ने अनुसूचित जाति के 1 मरीज का इलाज करने से मना कर दिया। जिससे उसकी वहीं पर मृत्यु हो गई। मरीज के परिजन हड़ताली डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं।
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