Madhya Pradesh government school teacher recruitment high Court news
मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कुछ उम्मीदवारों की मर्जी और जानकारी के बिना उन्हें जबरदस्ती ट्राइबल डिपार्टमेंट में नियुक्त कर दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि वह, दिनांक 1 मार्च 2023 को जारी आदेश का पालन प्रतिवेदन 4 सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करें।
विवादित मामले का विवरण संक्षिप्त में
उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा की नोडल एजेंसी लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा उम्मीदवारों की मर्जी के बिना उन्हें ट्राइबल डिपार्टमेंट में नियुक्त कर दिया गया था और स्कूल शिक्षा विभाग में च्वाइस फिलिंग से प्रतिबंधित कर दिया था। इस मामले में उम्मीदवारों ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। दिनांक 1 मार्च 2023 को हाईकोर्ट ने सभी उम्मीदवारों को स्कूल शिक्षा विभाग में च्वाइस फिलिंग का अवसर देने का आदेश दिया था।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि शासन द्वारा एवम कम रैंक प्राप्त कुछ अभ्यर्थियों द्वारा कोर्ट से इंदौर बेंच के निर्णय के आधार पर, याचिका खारिज करने की मांग की गई थी परंतु, कोर्ट को अवगत करवाया गया की इंदौर खंडपीठ के समक्ष सम्पूर्ण नियम एवम तथ्य नही आए थे। शासन का उत्तर जल्दीबाजी में दिया गया है। अतः न्याय पूर्ण नहीं होगा।
उल्लेखनीय है की एकल पीठ के आदेश युगल खंड पीठ द्वारा स्टे कर दिया गया है। कोर्ट को बताया गया की, आदेश दिनांक 01/3/23 का पालन विभाग द्वारा किया जाना है परंतु, अभी तक उसका पालन नहीं किया गया है। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने शासन को चार सप्ताह का समय जवाब प्रस्तुत करने हेतु दिया है। अगली सुनवाई 26 जून को है।
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