Madhya Pradesh Government employees news
जबलपुर। मध्य प्रदेश के सागर जिले की नगर पालिका बीना में, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले में हाई कोर्ट को धांधली की आशंका है। उच्च न्यायालय ने ना केवल कमिश्नर से शपथ पत्र मांगा है बल्कि मूल रिकॉर्ड भी तलब कर लिया है।
श्रम न्यायालय जिला सागर ने याचिका खारिज कर दी थी
नगर पालिका बीना द्वारा दिनांक 24 अगस्त 2017 को जारी ग्रेडेशन लिस्ट में जिन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कुशल श्रमिक कैटेगरी में प्रदर्शित किया गया था, दिनांक 22 दिसंबर 2017 को जारी नियमितीकरण के आदेश में उनमें से कुछ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को अकुशल श्रमिक कैटेगरी में नियमित किया गया। इस प्रक्रिया के खिलाफ श्रम न्यायालय सागर में 2018 में प्रथक-प्रथक याचिकाएं दाखिल की गई, जिसे श्रम न्यायालय सागर द्वारा यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा कुशल श्रमिक प्रमाणित करने से संबंधित पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए हैं।
याचिकाकर्ता श्री मुन्ना लाल अहिरवार, श्री महेश कुमार यादव तथा श्री प्रदीप सिंह लोधी द्वारा श्रम न्यायालय सागर एवं नगरपालिका बीना जिला सागर के नियमितीकरण आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से WP 28524/2022 दाखिल की गई। दिनांक 2 मार्च 2023 को नगर पालिका बीना की ओर से प्रस्तुत किए गए जवाब से असंतुष्ट होकर हाईकोर्ट ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी को तलब किया था।
हाईकोर्ट ने कमिश्नर से शपथ पत्र मांगा
दिनांक 8 मई 2023 को जस्टिस विवेक अग्रवाल की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई। उन्होंने कहा कि, नगर पालिका बिना द्वारा किसी भी प्रकार का नियम अथवा परिपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। यह प्रतीत होता है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियमितीकरण की प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई है। हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई 26 जून 2023 के दिन कमिश्नर/ संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन को मूल रिकॉर्ड प्रस्तुत करने एवं इससे पहले शपथ पत्र करने के निर्देश दिए हैं।
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