Immoral Traffic Prevention Act- Gwalior High Court news
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शिवपुरी के श्री नीलेश राठौर और दिल्ली की सुश्री कनिका राजपूत की याचिका से सहमत होते हुए ग्वालियर की पड़ा पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को अनावश्यक माना है।
पड़ाव पुलिस ने क्या कार्रवाई की थी
ग्वालियर की पड़ाव पुलिस ने एक होटल में छापामार कार्रवाई करते हुए रूम नंबर 202 में ठहरे श्री नीलेश राठौर एवं सुश्री कनिका राजपूत को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने दावा किया कि दोनों को आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा गया है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने प्रेस को दी सूचना में बताया था कि इस होटल में छापामार कार्यवाही करके सेक्स रैकेट को पकड़ा गया है। यहां पर वेश्यावृत्ति हो रही थी।
अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम का दुरुपयोग
श्री नीलेश राठौर एवं सुश्री कनिका राजपूत की ओर से हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया गया। उनकी ओर से अधिवक्ता श्री समीर श्रीवास्तव ने न्यायालय में पक्ष प्रस्तुत किया। अधिवक्ता ने दलील दी कि, पुलिस ने अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की। जबकि इस कानून में केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जो वैश्यालय का संचालन करते हैं और उससे पैसा कमाते हैं। ग्वालियर हाईकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश जस्टिस दीपक अग्रवाल ने अधिवक्ता की दलीलों से सहमत होते हुए यह माना कि ग्वालियर की पड़ाव थाना पुलिस ने अनावश्यक कार्यवाही की है। जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया वह आरोपियों पर लागू ही नहीं होती हैं।
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