Madhya Pradesh Government employees news
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की कैटेगरी चेंज करने के मामले में कमिश्नर- सयुंक्त संचालक नगरीय प्रशासन को शपथ पत्र एवं मूल रिकॉर्ड के साथ तलब कर लिया है।
सागर के श्रम न्यायालय ने याचिकाओं को खारिज कर दिया था
सागर जिले के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत करते हुए बताया कि, जब वह दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी थे तब उन्हें कुशल श्रमिक की श्रेणी में रखा गया था लेकिन जब नियमित किया गया तो अकुशल श्रमिक बताकर नियमितीकरण किया गया। इस आदेश के खिलाफ श्रम न्यायालय सागर में सन 2018 में कर्मचारियों द्वारा याचिकाएं प्रस्तुत की गई थी परंतु श्रम न्यायालय ने यह कहते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया कि, कर्मचारियों के पास स्वयं को कुशल श्रमिक प्रमाणित करने संबंधी पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में जवाब मांगा। मुख्य नगरपालिका अधिकारी की ओर से जो जवाब प्रस्तुत किया गया, वह संतोषजनक नहीं था। हाईकोर्ट ने इस मामले में कमिश्नर को न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता का कहना है कि, शासकीय दस्तावेजों में जो व्यक्ति कुशल श्रमिक की श्रेणी में दर्ज है, बिना किसी पर्याप्त कारण के उस कर्मचारी का श्रेणी परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
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