मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती- विभाग एलॉटमेंट में अभ्यर्थियों के साथ कितने प्रकार के अन्याय हुए, पढ़िए - MP NEWS

Bhopal Samachar

Madhya Pradesh government school teacher recruitment news

मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में शिक्षकों की वैकेंसी पर नियुक्ति के लिए आयोजित मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में विभाग अथवा स्कूल अलॉटमेंट की प्रक्रिया के दौरान नोडल एजेंसी लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कई गंभीर विसंगतियां की गई जिसके कारण हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल हो रही हैं एवं बार-बार डीपीआई की प्रक्रिया गलत साबित हो रही है। 

स्कूल एलॉटमेंट में निम्न विसंगतियां न्यायलयीन वाद उत्पन्न करती हैं

1)शिक्षक भर्ती में, संयुक्त काउंसलिंग के बाद, ओबीसी/एसटी/एससी/ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को विभाग/स्कूल एलॉटमेंट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिपादित विधि का उल्लंघन हुआ है।
2)शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल, अभ्यर्थियों की स्कूल शिक्षा विभाग एवम जनजातीय कार्य विभाग मे शिक्षक पद पर नियुक्ति हेतु संयुक्त काउंसलिंग आयोजित की गई थी। परंतु, कुछ अभ्यर्थियों को दिए गए विकल्प के विपरीत जनजातीय कार्य विभाग के विद्यालय आबंटित किए गए हैं।

3) अभ्यर्थियों ने ओबीसी या अन्य आरक्षित श्रेणी के विरुद्ध शिक्षक भर्ती में आवेदन दिया। परंतु, उनकी मेरिट के आधार पर, उन्हे अनारक्षित श्रेणी में स्थान दिया गया। वस्तुतः चॉइस फिलिंग में आरक्षण का लाभ समाप्त हो गया। दूसरी ओर, ओबीसी या अन्य श्रेणी में कम अंक प्राप्त अभ्यर्थी द्वारा आरक्षण का लाभ प्राप्त कर चॉइस फिलिंग विभाग या स्कूल हेतु की गई। स्थापित सिद्धांतों के विरुद्ध यह विसंगति परिलक्षित हुई है ।

3) बड़ी संख्या में, मेरिट के आधार पर, आरक्षित श्रेणी (एसटी, एस सी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों को,  अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है। उच्चतम न्यायालय दिल्ली के अनुसार, जो रिजर्व्ड श्रेणी के अभ्यर्थी, मेरिट के आधार पर, यू आर में रखे गए हैं, उन्हे आरक्षित श्रेणी के उनसे कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों की तुलना में घाटे या हानि स्थिति में नही रखा जा सकता है। सेवा चयन, पोस्टिंग या सीट एलॉटमेंट के मामलो में उनका आरक्षण का लाभ समाप्त नही होगा।

4) यदि, इसे शिक्षक भर्ती से जोड़कर देखें तो स्पष्ट है कि यदि, आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी, अनारक्षित श्रेणी में नही रखे जाते एवम आरक्षण का लाभ प्राप्त करते तो, अपने चॉइस के स्कूल या विभाग में नियुक्ति प्राप्त करने के ज्यादा अवसर उनके पास होते। यहां भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार चॉइस फिलिंग के मामले में, एसटी, एस सी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस का अधिकार सुरक्षित रहना चाहिए।

5) पूर्व में प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति हेतु आदेश दिनांक 27/10/22 के आधार पर प्रक्रिया कर नियुक्ति आदेश जारी किए गए थे। सामान्य अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनके द्वारा स्कूल शिक्षा के विद्यालय के विकल्प के बाद भी, जनजातीय कार्य विभाग के स्कूल अलॉट हुए। हाल में, दिनांक 02/05/23 की निर्देशिका के अनुसार,  प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 के आधार पर प्राथमिक शिक्षक पद पर, नियोजन किया जाना है। ऐसी स्थिति में, पूर्व में स्कूल शिक्षा की शालाओं में नियुक्ति से वंचित शिक्षक पुनः चॉइस फिलिंग चाहते हैं। उनके अनुसार, मेरिट में उनसे कम , आदेश दिनांक 02/05/23 के अनुसरण में, स्कूल शिक्षा की शालाएं प्राप्त कर सकेंगे। ✒ लेखक श्री अमित चतुर्वेदी, पेशे से अधिवक्ता है एवं जबलपुर हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। 

✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!