देश-विदेश में चर्चित रहे मध्य प्रदेश के सबसे हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप कांड की सीडी की फॉरेंसिक रिपोर्ट भोपाल कोर्ट में आ गई है। सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री ने सीडी को ओरिजिनल बताया है। यानी सीडी में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई है। अब इस मामले में अगली कार्रवाई शुरू होगी। यहां बता दें कि, इस हनी ट्रैप कांड में मध्य प्रदेश के कई बड़े ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के नाम आए थे।
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड में अब क्या होगा
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड के 3 साल बाबू सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की रिपोर्ट और सीडी को भोपाल कोर्ट में पेश किया गया। अब बंद चेंबर में न्यायाधीश और दोनों पक्षों के वकील इस सीडी को देखेंगे और इसके आधार पर निर्धारित किया जाएगा कि एसआईटी का दावा कितना सही है कितना नहीं। इसमें यह भी पता चलेगा कि, कितने नौकरशाह और नेता एवं मंत्री लड़कियों के साथ फिजिकल रिलेशन बनाते थे और उनमें से कितने अधिकारियों और मंत्रियों ने इन लड़कियों और लड़कियों से जुड़ी संस्थाओं को लाभान्वित किया है।
मध्य प्रदेश हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप कांड क्या है
पुलिस रजिस्टर में यह मामला 17 सितंबर 2019 को इंदौर में दर्ज किया गया था। इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने ब्लैक मेलिंग की शिकायत की थी। उसने बताया कि लड़कियों ने उसके साथ फिजिकल रिलेशन बनाए और उसका वीडियो बना लिया है। अब उसे ब्लैकमेल किया जा रहा है। पकड़ी गई लड़कियों में से एक के पिता ने दावा किया कि उनकी लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है। वह छोटे शहर से आते हैं और उनकी बेटी को कुछ लड़कियों ने बहला-फुसलाकर अपने रैकेट में शामिल कर लिया।
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