एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल्स में कार्यरत अथिति शिक्षकों, अनुग्रह बांसे एवम विजय अकोले एवम अन्य द्वारा, आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा जारी आदेश दिनांक 31/03/23 को उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष याचिका दायर कर मांग की गई थी कि हर वर्ष विज्ञापन चयन के माध्यम से उनकी सेवा समाप्त नही की जावे, जब तक नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो।
पीड़ित अतिथि शिक्षकों श्री अनुराह एवम श्री विजय कुमार ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष दायर कर नवीन निर्देशों को चुनौती दी थी। अतिथि शिक्षकों की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली युगल पीठ के समक्ष तर्क रखते हुए बताया कि, जनजातीय कार्य विभाग का आदेश दिनांक 30/03/23, इस स्थापित विधि के विरुद्ध है कि जब तक नियमित भर्ती नही की जाए, अतिथि शिक्षकों के एक समूह को दूसरे समूह से प्रतिस्थापित नही किया जा सकता है। दूसरे शब्दों में जब तक नियमित शिक्षकों की भर्ती नही हो, अथिति शिक्षकों के स्थान पर, दूसरे अतिथि शिक्षक भर्ती नही की जावे।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी के तर्को से सहमत होकर, उच्च न्यायालय जबलपुर ने याचिकाकर्ता अतिथि शिक्षकों के पक्ष में आदेश जारी करते हुए, जनजातीय कार्य विभाग एवम प्रतिवादियों को निर्देश दिए हैं, कि जब तक नियमित शिक्षको की भर्ती उन विद्यालयों में नही होती, याचिकाकर्ता अतिथि शिक्षक सेवा से पृथक नही किए जाएं।
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