Madhya Pradesh Chunav politics news
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 से पहले विधायकों एवं टिकट के दावेदारों का पार्टी अदला-बदली का दौर चल रहा है। ऐसे माहौल में बैतूल विधानसभा से कांग्रेस विधायक श्री निलय डागा की इंटेलिजेंस फेल हो गई। जिससे उनके पारिवारिक संबंध थे उसी ने उन्हें ट्रैप करा डाला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में प्रथम पंक्ति में बिठा दिया। अब श्री डागा सारी दुनिया में सफाई देते घूम रहे हैं।
घटना का संक्षिप्त विवरण
देवर्षि नारद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पत्रकारों को नारद सम्मान से सम्मानित किए जाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में बैतूल के विधायक एवं कांग्रेस नेता श्री निलय डागा को भी आमंत्रित किया गया। श्री निलय डागा निर्धारित समय पर कार्यक्रम में पहुंच गए लेकिन कार्यक्रम के दौरान बड़ी ही असहज स्थिति बन गई। चारों तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं उससे जुड़े हुए संगठनों के पदाधिकारी थे। थोड़ी देर बाद विधायक श्री निलय डागा उठ कर चले गए, लेकिन बात का बतंगड़ बनने के लिए तो दरवाजे तक आना ही काफी था। अब विधायक महोदय सारी दुनिया को सफाई देते घूम रहे हैं कि उनका भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है।
यह विधायक निलय डागा का इंटेलिजेंस फेलियर है, कोई भी ट्रैप कर सकता है
अपनी सफाई के दौरान विधायक डागा ने बताया कि, इस कार्यक्रम में उन्हें उनके पारिवारिक मित्रों ने बुलाया था। उन्होंने कार्यक्रम का इनविटेशन कार्ड दिखाते हुए बताया कि इसमें कहीं भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नहीं लिखा हुआ है। कुल मिलाकर विधायक डागा ने साबित करने की कोशिश की कि वह तो मासूम है। उन्हें पता ही नहीं था कि वह किस कार्यक्रम में जा रहे हैं। विधायक डागा का यही बयान उनके इंटेलिजेंस फैलियर को साबित कर। यदि एक विधायक को यह भी नहीं पता कि उसके क्षेत्र में कौन सा संगठन क्या कर रहा है और कौन सा संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए काम करता है तो फिर ऐसे विधायक की सक्रियता और नेटवर्क शक के दायरे में आ जाते हैं।
विधायक महोदय का सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं है
उन्होंने कहा कि उनके एक पारिवारिक मित्र ने उन्हें बुलाया था इसलिए वह चले गए। डागा के इस बयान से साबित होता है कि उनका विश्वास जीतकर कोई भी उन्हें ट्रैप कर सकता है। वह निजी तौर पर काफी लापरवाह व्यक्ति हैं और सतर्क नहीं रहते। कितनी अजीब बात है कि चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी का एक विधायक अपडेट नहीं था।
कहीं एबीवीपी वालों की शरारत तो नहीं
बताया गया है कि कुछ दिनों पहले विधायक महोदय की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई थी। विधायक महोदय ने चक्का जाम कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं से बड़े घमंड में कहा था कि 'उठा के फेंक देंगे विधायक है हम'। ठीक इसी के बाद यह घटनाक्रम हो गया। कहीं यह घटनाक्रम विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं की शरारत तो नहीं। शायद उन्हें मालूम था कि विधायक महोदय का सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं है। इसलिए उन्होंने आमंत्रण पत्र भेज दिया और विधायक महोदय पत्रकारों के सम्मान के नाम पर आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हो गए।
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