Madhya Pradesh Government School Atithi Shikshak news
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा ट्राइबल डिपार्टमेंट द्वारा संचालित शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों की सेवाएं दिनांक 31 मार्च 2023 से समाप्त कर दी गई थी। आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया था परंतु हाई कोर्ट ने इस आदेश को निरस्त कर दिया। इसी के साथ अतिथि शिक्षकों की सेवाएं पुनः बहाल हो गई।
अतिथि शिक्षकों को चयन प्रक्रिया के बाद नियुक्त किया गया था
मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक, पीजीटी एवम टीजीटी, पद विरुद्ध, चयन प्रक्रिया के पश्चात कार्य कर रहे थे। उपमा दीक्षित एवम 138 अथिति शिक्षक, आयुक्त जनजातीय विभाग द्वारा जारी विज्ञापन दिनांक 26/05/22 के परिपालन में जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा अहर्ता के आधार पर चयनित होकर एकलव्य आवासीय विद्यालयों में पीजीटी एवम टीजीटी, पीटीआई (व्यायाम शिक्षक) पद विरुद्ध, अतिथि शिक्षक के रूप में शैक्षणिक सत्र 22-23 के लिए कार्य कर रहे थे। पीटीआई पद के विरुद्ध, नवोदय एवम केंद्रीय विद्यालय की अतिथि शिक्षकों की प्रतीक्षा सूची से अतिथि शिक्षक (पीटआई) नियुक्त किए गए थे।
अतिथि शिक्षकों को हर साल चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था
दिनांक 31/3/23 को आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग एवम सचिव ट्रायबल वेलफेयर रेसीडेंसियल सोसाइटी द्वारा, अतिथि शिक्षकों की भर्ती हेतु नवीन निर्देश एवम विज्ञापन जारी किए गए हैं। मेरिट सूची का आधार शैक्षणिक अहर्ता में प्राप्त प्राप्तांक एवम साक्षात्कार है। पुराने अतिथि शिक्षकों को अनुभव अधिकतम 10 अंक दिया जाने का प्रावधान है। नवीन निर्देशों के कारण एकलव्य विद्यालयों में सेवारत अतिथि सेवा मुक्त हो रहे थे। प्रत्येक वर्ष शैक्षणिक सत्र की समाप्ति पर, अतिथि शिक्षकों को चयन प्रक्रिया का सामना करना पड़ा है। आदेश दिनांक 31/3/23 के अनुसार, एकलव्य आवासीय विद्यालय के अतिथि शिक्षकों को पुनः चयन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए बाध्य किया जा रहा था, या फेल कर दिया गया था।
अस्थाई कर्मचारी के स्थान पर अस्थाई कर्मचारी की नियुक्ति नहीं कर सकते
पीड़ित अतिथि शिक्षको ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष दायर कर नवीन निर्देशों को चुनौती दी थी। 139, अतिथि शिक्षकों की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली युगल पीठ के समक्ष तर्क रखते हुए बताया कि, जनजातीय कार्य विभाग का आदेश दिनांक 30/3/23 इस स्थापित विधि के विरुद्ध है कि जब तक नियमित भर्ती नही की जाए, अतिथि शिक्षकों के एक समूह को दूसरे समूह से प्रतिस्थापित नही किया जा सकता है। दूसरे शब्दों में जब तक नियमित शिक्षको की भर्ती नही हो, अथिति अतिथि शिक्षकों के स्थान पर, दूसरे अतिथि शिक्षक भर्ती नही की जावे।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी एवम कनिष्ठ वकील अमर गुप्ता उच्च न्यायालय जबलपुर के तर्को से सहमत होकर, उच्च न्यायालय जबलपुर ने 139 अतिथि शिक्षकों के पक्ष में आदेश जारी करते हुए, जनजातीय कार्य विभाग एवम प्रतिवादियों को निर्देश दिए हैं, कि जब तक नियमित शिक्षको की भर्ती उन विद्यालयो में नही होती, 139 अतिथि शिक्षक सेवा से पृथक नही किए जाएं।
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