Madhya Pradesh state information Council Bhopal
भोपाल। भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी के हाथ मजबूत करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 बनाया गया था। आम नागरिक के सूचना के अधिकार की रक्षा के लिए राज्य सूचना आयोग का गठन किया गया परंतु अब राज्य सूचना आयोग में भ्रष्टाचार का मामला सामने आ गया है। लोकायुक्त पुलिस ने एक कर्मचारी को गिरफ्तार करके दावा किया है कि यह कर्मचारी आयोग में जल्दी सुनवाई के बदले में ₹20000 रिश्वत ले रहा था।
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक मोहम्मद हारून नीलगर निवासी ग्राम उमर तहसील सिंगोली जिला नीमच ने अपने भू स्वामित्व के संबंध में दस्तावेज प्राप्त करने के लिए सूचना के अधिकार के तहत अपनी ग्राम पंचायत उमर में आवेदन किया था। अपूर्ण जानकारी मिलने पर उसने प्रथम अपील अधिकारी जनपद पंचायत जावरा के पास अपील की। वहां से भी जानकारी प्राप्त न होने पर 24 मई को राज्य सूचना आयोग अरेरा हिल्स भोपाल में अपील लगाने पहुंचा था, जहां पर पदस्थ अकाउंट शाखा के कर्मचारी बृजेश पुत्र पद्मनाथ कुशवाह निवासी ईश्वर नगर मीरा मंदिर ने रजिस्ट्रेशन कराकर अपील पर जल्दी कार्रवाई करने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की।
इसकी शिकायत आवेदन हारून ने 24 मई को ही पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त मनु व्यास से की। शिकायत के सत्यापन के बाद तत्काल ही लोकायुक्त दल ने पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में कार्रवाई कर साईं बाबा बोर्ड चौराहे पर आरोपित को फरियादी हारून से पांच हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
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