Bhopal Samachar Rojgar
शिक्षक पात्रता परीक्षा में मेरिट में आने के बावजूद मर्जी और जानकारी के बिना जबरदस्ती जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों में नियुक्त किए गए 13 प्राथमिक शिक्षकों ने सेकंड काउंसलिंग में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर दी गई है।
चिदानंद पारीक एवम अन्य का मामला
श्री चिदानंद पारीक एवम अन्य 12 प्राथमिक शिक्षक, शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 में शामिल होकर, उपरोक्त परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे। आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा, निर्देशिका दिनांक 27/10/22 जारी कर स्कूल शिक्षक में लगभग 7324 पद पर प्राथमिक शिक्षक स्कूल शिक्षा वहीं दूसरी ओर लगभग 11,000 प्राथमिक शिक्षक के पदों में जनजातीय कार्य विभाग में नियुक्तियां की जानी थी। मेरिट एवम प्रतीक्षा सूची एक साथ तैयार की गई थी। दिनांक 26/11/22 को आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा प्राथमिक शिक्षक के 7500 रिक्त पद, स्कूल शिक्षा के अधीन विज्ञापित किए गए। अपितु, मेरिट सूची के आधार पर 7324 (स्कूल शिक्षा) एवम लगभग 11000 (जनजातीय कार्य विभाग) में नियुक्ति हेतु चयन प्रक्रिया आरंभ की गई थी।
चयन प्रक्रिया के अंतिम चरण में, याचिका कर्ता श्री चिदानंद पारीक एवम अन्य अभ्यर्थियों द्वारा, स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 29/9/22 के द्वारा नियुक्ति हेतु, स्कूल शिक्षा की शालाओं हेतु, विकल्प दिए गए थे। परंतु, नियुक्ति आदेश में जनजातीय कार्य विभाग की शालाएं आवंटित की गई।
आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेश दिनांक 02/5/23 से विसंगति उत्पन्न हुई है। उसके द्वारा पूर्व में नियुक्त प्राथमिक शिक्षक, आदेश दिनांक 02/5/23 के अनुपालन में काउंसलिंग में शामिल नहीं हो सकेंगे।
उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील अमित चतुर्वेदी द्वारा याचिका दायर करवा कर, याचिका में बताया गया है की आदेश दिनांक 27/10/22 के पालन में जब चयन प्रक्रिया चल रही थी, उस समय स्कूल शिक्षा के 7500 पद रिक्त होने के बाद भी, उस समय उन्हें भरने हेतु, चयन प्रक्रिया नही की थी। परिणाम स्वरूप, याचिकाकर्ताओं को स्कूल शिक्षा की शालाएं, आवंटित नही की गई।
वहीं, दूसरी ओर, 7500 प्राथमिक शिक्षक के पदों पर, स्कूल शिक्षा में नियुक्ति हेतु, प्रतीक्षा सूची से आदेश दिनांक 02/5/23 के पालन में चयन प्रक्रिया की जा रही है। परिणाम स्वरूप, मेरिट में नीचे स्थान प्राप्त अभ्यर्थी इच्छानुसार स्कूल शिक्षा की शालाएं प्राप्त कर सकेंगे। परंतु, याचिकाकर्ता, नई काउंसलिंग में भाग लेने से प्रतिबंधित हैं। इसके अलावा, जिन अभ्यर्थियों द्वारा तीन वर्गों की पात्रता परीक्षा पास की गई थी। उनके द्वारा चयन प्रक्रिया में भाग लेना, फिर नियुक्ति नही लेना, भी याचिका कर्ता के स्कूल शिक्षा की शालाओं के आवंटन के अधिकार को प्रभावित करता है। याचिका में काउंसलिंग में शामिल किए जाने का अनुतोष मांगा गया है।
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