Madhya Pradesh teachers Selection test legal advice
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल, भोपाल की छवि लगातार खराब होती जा रही है। MP ESB BHOPAL द्वारा इस प्रकार की गलतियां की जा रही है जिसकी उम्मीद प्रोफेशनल एग्जाम लेने वाली संस्था से कतई नहीं की जा सकती। शिक्षक पात्रता परीक्षा में क्वालीफाई करने वाले हजारों कैंडीडेट्स को बिना वजह आउट कर दिया गया।
मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा आयु सीमा विवाद
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल, द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा हेतु, अधिकतम आयु 42 वर्ष रखी थी। यानी, 42 साल की आयु वाले लोग उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पिछले तीन वर्षों में कोई चयन परीक्षा संचालित नही होने के कारण तीन वर्षों की छूट प्रदान की गई थी। छूट के आधार पर अभ्यर्थी उच्च माध्यामिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होकर क्वालीफाई घोषित हुए। स्वाभाविक है क्वालीफाई करने वाले ऐसे सभी उम्मीदवारों की आयु 40 वर्ष से अधिक है और इनमें से कुछ की तो 42 वर्ष से अधिक हो गई होगी।
वर्तमान में कर्मचारी चयन मंडल द्वारा चयन परीक्षा आयोजित की जा रही है, जिसमे उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा में शामिल होने हेतु अधिकतम आयु सीमा 40 साल घोषित की गई है। परिणामस्वरूप पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी, चयन परीक्षा में शामिल होने से वंचित हैं। कर्मचारी चयन मंडल ने पात्रता परीक्षा क्वालीफाई कर चुके 40 साल से अधिक आयु वर्ग के कैंडिडेट को बिना किसी गलती के आउट कर दिया।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर के अनुसार, पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी का चयन परीक्षा में शामिल होने से वंचित किया जाना सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का उल्लघंन है एवम मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। एक तरफ पात्रता परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाना, एवम चयन परीक्षा से वंचित किया जाना न्यायोचित नहीं है।
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