Madhya Pradesh public Service Commission, indore
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर चेयरमैन और मैनेजमेंट की पॉलिसी अक्सर परेशानियां पैदा करती है। ओबीसी आरक्षण मामले में राज्य सेवा परीक्षा 2019 को इस कदर उलझा दिया कि सारे डिसीजन हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से हो रहे हैं। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की वन टाइम फीस वाली घोषणा में अड़ंगा लगा दिया।
वन टाइम फीस- मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर की दलील
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का कहना है कि हम कई प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन करते हैं। किसी में परीक्षा का एक राउंड होता है। किसी में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा होती है। एमपीपीएससी वालों का कहना है कि हम में और कर्मचारी चयन मंडल मध्यप्रदेश भोपाल में अंतर है। इसलिए हम वन टाइम फीस लागू नहीं कर सकते। सरकार चाहे तो पूरी फीस माफ कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश पीएससी वालों की प्रॉब्लम क्या है
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग वाले अपने आप को सुपर इंटेलिजेंट मानते हैं। जबकि सीखने और समझने की क्षमता कम हो गई है। 1 फीट के फार्मूले में स्पेशल सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ेगी। इस सॉफ्टवेयर को सीखना पड़ेगा। इससे संबंधित समस्याओं को सॉल्व करना पड़ेगा। एमपीपीएससी वालों को आदत हो गई है सारा काम आउटसोर्स करवाने की। यह सॉफ्टवेयर रातों-रात नहीं बन पाएगा। वैसे भी एमपीपीएससी वाले एजेंसी फाइनल करने में काफी लंबा समय लगाते हैं। यही कारण है कि, तमाम तरह के कारण खोजना शुरू कर दिए गए हैं। क्या पता कौन सी दलील काम कर जाए।
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