जब किसी डिक्री, आदेश या निर्णय में लिपिकीय संबंधित कोई त्रुटि हो जाती है एवं पक्षकार न्यायलय में त्रुटि सुधार संशोधन आवेदन लगाए बगैर सिविल संहिता प्रक्रिया ,1908 के आदेश 41 नियम 11 के अंतर्गत अपीलीय न्यायालय में डिक्री, आदेश, या निर्णय के विरुद्ध अपील कर दे एवं न्यायालय द्वारा अपील खारिज कर दी जाती है तब क्या अपील खारिज होने के बाद पीड़ित पक्षकार त्रुटि सुधार के लिए आवेदन कर सकता है जानिए।
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 153(क) की परिभाषा
अगर किसी पक्षकार ने किसी निर्णय, डिक्री, आदेश के विरूद्ध कोई अपील अपीलीय न्यायालय में की थी और अपीलीय न्यायालय द्वारा पक्षकार की अपील खारिज कर दी गई है तब पकाकरअपील खारिज होने के बाद उसी न्यायालय में जिसने डिक्री, आदेश, निर्णय पारित किया जा सिविल प्रक्रिया की धारा 153(क) के अंतर्गत त्रुटि सुधार का आवेदन कर सकता है।
सीपीसी की धारा 152 एवं 153 (क) में सामान्य अंतर जानिए
• धारा 152 के अंतर्गत अपील के बिना उसी न्यायालय में तुरंत त्रुटि सुधार के लिए आवेदन किया जा सकता है।
• धारा 153 (क) के अंतर्गत अपील खारिज होने के बाद त्रुटि सुधार के लिए आवेदन किया जा सकता है।
Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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