मध्य प्रदेश का ग्वालियर शहर एक ऐतिहासिक शहर है। इसका अस्तित्व और संबंध रामायण एवं महाभारत काल से मिलता है। शहरीकरण से पहले यह क्षेत्र साधु संतों की तपस्या का स्थान हुआ करता था। यहां कई प्रकार के अनुसंधान हुआ करते थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि यहां का चतुर्भुज मंदिर दुनिया का दूसरा ऐसा स्थान है जहां पर गणित की संख्या 0 का उपयोग किया गया था।
ग्वालियर का सामान्य ज्ञान
- ग्वालियर का नाम आयुर्वेद के महान विशेषज्ञ ऋषि ग्वालिपा के नाम पर निर्धारित किया गया। इसका अर्थ होता है ग्वालिपा ऋषि का घर यानी ग्वालियर।
- इस भूमि पर सबसे पहले गुर्जर प्रतिहार राजवंश का शासन हुआ। इसके बाद तोमर तथा कछवाहा राजपूत राजाओं की राजधानी रहा।
- छठवीं शताब्दी में जब राजा सूरजसेन पाल कछवाहा की असाध्य बीमारी को ग्वालिपा ऋषि द्वारा ठीक कर दिया गया तब क्षेत्र का विकास किया और यहां पर नागरिकों की बसाहट हुई।
- राजा सूरजसेने पाल राजपूत के 83 वंशजों ने इस क्षेत्र पर शासन किया और इसका निरंतर विकास किया।
- ग्वालियर नामकरण से पहले क्षेत्र का नाम गोपराष्ट्र हुआ करता था। यह भारतवर्ष की एक विकसित जनपद था।
- सन 1231 में मुस्लिम हमलावर शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।
- सन 1375 में राजा वीर सिंह तोमर ने इसे मुस्लिम शासन से मुक्त कराया और इस प्रकार ग्वालियर में तोमर राजवंश की स्थापना हुई।
- ग्वालियर का सबसे ज्यादा ऐतिहासिक विकास तोमर राजवंश के दौरान हुआ।
- ग्वालियर का किला कछवाहा राजपूत राजाओं ने बनाया था।
- राजा मानसिंह तोमर ने यहां पर मान महल बनवाया जो आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
- मुगल हमलावर बाबर ने ग्वालियर के किले को भारत के किलो के हार में मोती कहा था और इसकी प्रशंसा में यह भी कहा था कि हवा इसके मस्तक को छू भी नहीं सकती।
- सन 1730 में सिंधिया ने ग्वालियर पर कब्जा कर लिया था।
- सन 1740 में ग्वालियर के लोगों के आह्वान पर गोहद के राजा भीम सिंह राणा ने ग्वालियर को सिंधिया से मुक्त कराया था।
- कुछ सालों बाद सिंधिया ने फिर ग्वालियर पर हमला किया और कब्जा कर लिया।
- अंग्रेजो के खिलाफ सन 1857 में हुई क्रांति में ग्वालियर की सेना ने अपने सिंधिया राजा से बगावत करके क्रांतिकारी तात्या टोपे और लक्ष्मीबाई का साथ दिया था। इन के डर से ग्वालियर का राजा भागकर आगरा में अंग्रेजों की शरण में चला गया था।
- इसी युद्ध में रानी लक्ष्मीबाई को वीरगति प्राप्त हुई थी।
- इसके बाद ग्वालियर अंग्रेजी शासन की एक रियासत बन गया था।
- भारत की आजादी के बाद मध्य भारत के समय ग्वालियर मध्य भारत राज्य की राजधानी हुआ करता था।
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