मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत 40 साल से अधिक उम्मीदवारों को पात्रता परीक्षा में शामिल करने के बाद चयन परीक्षा में आयु के कारण अयोग्य घोषित कर देने के मामले में सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब प्रस्तुत कर दिया है। अब सरकार और उम्मीदवारों के वकीलों के बीच बहस शुरू होगी। इसके लिए 21 जून की तारीख निर्धारित की गई है।
याचिकाकर्ताओं के नाम एवं तर्क
चयन परीक्षा में आयु के कारण अयोग्य घोषित कर दिए जाने से पीड़ित विक्रांत राजपूत नर्मदापुरम से, मुकेश राठौर विदिशा से, मुकेश झरिया सिवनी से, सीमा रोहित सागर से, सरिता पाठक दमोह से, विनोद विश्वकर्मा दमोह से, संदीप रावत विदिशा से, दृष्टिपाल सिंह परिहार भोपाल से, शरद यादव नरसिंहपुर से, श्रीमती ज्ञान देवी रीवा से द्वारा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा संचालित चयन परीक्षा में शामिल होने हेतु याचिका दायर की गई थीं। उम्मीदवारों का तर्क है कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा के दो चरण कर दिए गए हैं। पात्रता परीक्षा के अलावा चयन परीक्षा शामिल कर दी गई है। प्रथम चरण पास करने वाले सभी उम्मीदवारों को द्वितीय चरण में शामिल करना चाहिए। यदि चयन परीक्षा में आयु सीमा में छूट नहीं दी जाएगी तो फिर पात्रता परीक्षा में आयु सीमा में छूट का क्या लाभ।
मध्यप्रदेश शासन का जवाब
स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा, उम्मीदवारों द्वारा दायर प्रकरण में जवाब प्रस्तुत कर कहा गया है कि आयु सीमा में छूट का लाभ, एक बार अभ्यर्थियों को दिया जा चुका है। आदेश दिनांक 18/9/22 अभ्यर्थियों पर लागू नहीं है। अतः केस निरस्त किया जावे। इस प्रकार सरकार का कहना है कि पात्रता परीक्षा में आयु सीमा में छूट का लाभ दिया जा चुका है। अब चयन परीक्षा में वही लाभ दोबारा नहीं देंगे।
याचिका कर्ताओं के अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर के अनुसार चूंकि, जवाब सुनवाई दिनांक अर्थात 16/06/23 को ही प्रस्तुत था, एवम वह कोर्ट के फाइल पर उपलब्ध नहीं था। अतः अगली सुनवाई दिनांक 21/06/23 नियत की गई है।
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