सुहागले पूजा विधि - suhagle puja vidhi in hindi
आषाढ़ का महीना प्रारंभ हो चुका है। आषाढ़ के महीने में सुहागिनों पर माता गौरी की विशेष कृपा रहती है इस माह यदि सुहागन पूजा की जाए तो माता गौरी प्रसन्न होती हैं। आषाढ़ के महीने में किसी भी दिन स्नान आदि कर कर विधि के अनुसार सुहागन पूजा करें, पूजा वाले दिन श्रद्धा अनुसार 2,5,7,11 सुहागिनों को अपने घर आमंत्रित करें।
गौरी पूजा विधि
पूजा में सम्मिलित होने वाली सभी स्त्रियों तो व्रत धारण करना चाहिए। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता गौरी की स्थापना करें, सभी सुहागिनों के साथ मिलकर माता गौरी की पूजा एवं ध्यान करें। माता को हल्दी चंदन कुमकुम अक्षत व पुष्प अर्पित करें। माता को मिठाई का भोग लगाएं।
इसके बाद हल्दी कुमकुम लगाकर सुहाग चिन्ह जैसे कि,सिंदूर चूड़ी बिंदी बिछिया,मेहंदी,महावर,वस्त्र इत्यादि भेंट करें। सभी सुहागन साथ मिलकर व्रत का पारण करें, अर्थात भोजन करें आषाढ़ के महीने आप यह पूजा कभी भी कर सकते हैं। सुहागन को भेंट करने से अखंड सौभाग्य, सुख -समृद्धि की प्राप्ति होती है।