भोपाल। राजधानी भोपाल कलेक्टर ऑफिस के बाहर किसानों ने जमकर हंगामा किया। वे गेट पर ही धरने पर बैठ गए। सीनियर अधिकारी किसानों से बात करने नहीं पहुंचे तो उनकी नाराजगी और भी बढ़ गई। करीब दो घंटे के बाद वे गेट से हटे। भारतीय किसान संघ के बैनरतले यह प्रदर्शन किया गया। दोपहर डेढ़ बजे बड़ी संख्या में किसान पहुंचे थे।
भारतीय किसान संघ ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वर्ष 2021-22 में करीब 40 गांव के किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं मिली। इसलिए लिस्ट चाह रहे थे। पदाधिकारियों का कहना था कि शासन-प्रशासन बीमित किसानों की सूची और सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करें। बीमे की जानकारी प्रदान करने के लिए कोई अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है। किसान विभागों के चक्कर लगाते रहते हैं। यही नहीं, ज्ञापन देने के लिए जब कलेक्टर से समय लिया था तो फिर निचले स्तर के अधिकारी ज्ञापन लेने क्यों आए? इसलिए वे गेट पर ही धरने पर बैठ गए।
किसान संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन के किसानों के प्रति इस रवैये पर भी नाराजगी जताई और दो घंटे तक प्रदर्शन किया। इसके बाद अपर कलेक्टर ज्ञापन लेने पहुंचे। फिर वे हट गए। हालांकि, चेतावनी दी कि बीमा समेत अन्य समस्याओं का निराकरण जल्द नहीं हुआ तो वे जिलेभर में प्रदर्शन करेंगे।
वर्ष 2020-21 की जो बीमा राशि वितरित की गई, वह नुकसान के अनुपात में बहुत कम है। कुछ किसानों को प्रीमियम राशि के बराबर ही बीमा राशि दी गई। कई गांव में किसानों को अब तक राशि नहीं दी गई। इसलिए लिस्ट में ऐसे किसानों के नाम जोड़े जाए। कैचमेंट एरिया में शामिल हुजूर तहसील के 120 गांव को मुक्त किया जाए।
तहसीलों में बंटवारे, नामांतरण और सीमांकन के प्रकरण समय सीमा में निपटाए जाए।11केवीए एवं एलटी लाइन खेतों में झूम रही है। जिससे हादसा होने की संभावना रहती है। इसलिए लाइन को ठीक किया जाए।नजीराबाद उप तहसील केंद्र को चालू किया जाए।भोपाल जिले के छूटे वन्य क्षेत्रों की फेंसिंग की जाए। जिससे वन्यप्राणियों को रोका जा सके। मंदिरों के आसपास शराब दुकानों को दूरी जगह शिफ्ट किया जाए।
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