जब से सब्सिडी खत्म हुई है ग्वालियर में लिथियम आयन बैटरी वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड घट गई है। लोग अच्छी क्वालिटी के लिए ज्यादा कीमत देने को तैयार नहीं है। बाजार में इन दिनों लेड एसिड बैटरी वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री बढ़ गई है।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर फेम-2 योजना का असर
केंद्र सरकार लिथियम आयन वाले दो पहिया ई-व्हीकल पर सब्सिडी दे रही थी। फेम-2 योजना के तहत एक जून से पहले ई-व्हीकल की खरीद पर प्रति किलो वाट 15 हजार रुपये की छूट दी जा रही थी। एक्स फैक्ट्री प्राइज पर 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही थी। जब यह सब्सिडी दी जा रही थी तब लिथियम आयन बैटरी वाले महंगे ईवी भी डिमांड में थे। एक दो पहिया लिथियम आयन बैटरी वाले वाहन की खरीद पर 17 से 66 हजार तक की सब्सिडी मिल जाती थी। जो वाहन डेढ़ लाख रुपये से अधिक कीमत का होता था, वह वाहन सब्सिडी मिलने के बाद करीब एक लाख रुपये तक का हो जाता था, इसलिए यह ट्रेंड में आया। इसके लिए शर्त भी यही थी, दो पहिया ईवी की कीमत 1.50 लाख होनी चाहिए, जबकि कार की कीमत 15 लाख रुपये होनी चाहिए।
अब सब्सिडी घटना दी गई है। एक्स फैक्ट्री प्राइज पर 40 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत तक कर दी गई है। इसका असर बाजार में दिखा है। लिथियम आयन बैटरी वाले दो पहिया वाहनों की बिक्री पर असर पड़ा है। कुछ लोग तो बढ़ी हुई कीमतें सुनकर ही वापस चले जाते हैं। कुछ कोटेशन ले जाते हैं लेकिन फिर लौट कर नहीं आते। कुछ लोग जो मन बना कर आते हैं वह लिथियम आयन के बजाय एसिड वाली बैटरी का विकल्प चुन रहे हैं।
लिथियम आयन और लेड एसिड बैटरी में अंतर
लिथियम आयन बैटरी 30 मिनट से 3 घंटा के बीच में चार्ज हो जाती है। 125 से 600 वाट घंटा प्रति लीटर की रेंज देती है और इसकी उम्र लगभग 3 साल होती है।
लेड एसिड बैटरी 3 घंटे से 10 घंटे के बीच में चार्ज होती है। 50 से 90 वाट घंटा प्रति लीटर की रेंज देती है और इस बैटरी की उम्र 1 साल होती है।
दोनों बैटरी की कीमत में भी लगभग इतना ही अंतर होता है। खास बात सिर्फ इतनी है कि लिथियम आयन बैटरी ज्यादा रेंज देती है, चार्ज होते समय कम बिजली खर्च करती है।
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