NCERT CLASS 12th Part 9 Unit 5-Topic
जैसा की आपने पिछले आर्टिकल से जाना की पारिस्थितिक तंत्र दो प्रकार के घटकों से मिलकर बना होता है- जैविक घटक और अजैविक घटक। जैविक घटक के अंतर्गत उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटक आते हैं। किसी भी पारिस्थितिक तंत्र के लिए जैविक एवं अजैविक दोनों ही घटकों का होना अतिआवश्यक होता है। किसी एक भी घटक के बिना पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन बिगड़ जाता हे। इसलिए पारिस्थितिक तंत्र के प्रत्येक घटक का अपना विशेष महत्त्व होता है।
पारिस्थितिक तंत्र के घटक उत्पादक की व्याख्या
ऐसे पौधे जो, प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, उत्पादक कहलाते हैं। स्थलीय एवं जलीय (जमीन पर एवं पानी में) पारिस्थितिक तंत्र में मौजूद समस्त हरे पौधे, उत्पादक कहलाते हैं। स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र के अंतर्गत शाकीय (Shrubs) एवं काष्ठीय पौधे (Woody plants) आते हैं। जबकि जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत पादपप्लवक (Phytoplanktons), काई (Algae) और बड़े जलीय पादप(Aquatic plants) आते हैं।
पारिस्थितिक तंत्र के घटक उपभोक्ता की व्याख्या
सभी जीव अपनी आहार आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों पर निर्भर रहते हैं। इन्हें उपभोक्ता या परपोषित कहा जाता है। जो कि अपनी भोजन आवश्यकताओं के आधार पर प्राथमिक(Primary), द्वितीयक (Secondary) और तृतीयक (Tertiary) प्रकार के होते हैं।
ऐसे जीव जो सिर्फ पौधों को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करने वाले प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं। अतः प्राथमिक उपभोक्ता निश्चित रूप से शाकाहारी (Herbivore) या शाकभक्षी होते है।
जब एक पशु, दूसरे पशु को भोजन के। ग्रहण करता है तो इसे द्वितीयक उपभोक्ता कहा जाता है। ये शाकाहारी जीवों से अपनी आहारपूर्ति करते हैं, इसलिए उन्हें मांसाहारी (Carnivore) या मांसभक्षी या प्राथमिक मांसभक्षी भी कहा जाता है।
जब एक मांसाहारी, दूसरे मांसाहारी को भोजन के रूप में ग्रहण करें तो उसे तृतीयक उपभोक्ता कहा जाता है। इन्हें द्वितीयक मांसभक्षी या उच्चमासाहारी या सर्वाहारी (Omnivore)भी कहा जाता है।
पारिस्थितिक तंत्र के घटक अपघटक की व्याख्या
ऐसे जीव (मुख्य रूप से कवक एवं बैक्टीरिया) मृत कार्बनिक पदार्थ से अपना भोजन प्राप्त करते हैं,अपघटक कहलाते हैं। इन्हें मृतकोशी या पूर्तिजीवी भी कहा जाता है। इन्हें प्रकृति केसफाईकर्मी भी कहा जाता है। जो की पर्यावरण को साफ करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक किसी भी पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। खाद्य श्रृंखला, खाद्य जाल और पारिस्थितिक पिरामिड वाले एक टॉपिक में उन्हें विस्तार से पढ़ेंगे।
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