Code of Civil Procedure section 153b in Hindi
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 327 दण्ड न्यायालय अर्थात आपराधिक मामले को सुनने वाले न्यायलय को खुला न्यायालय की परिभाषा को बताती है जिसके संबंध में हम पिछले लेखों में बता चुके हैं। इसी संदर्भ में अगर हम बात करेगी सिविल कोर्ट, कब खुला न्यायालय होगा एवं खुला न्यायालय में जनता के क्या कानूनी अधिकार होते हैं जानिए।
खुला न्यायालय:-
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 153(ख) में बताया गया है कि सिविल न्यायलय एक खुला न्यायलय होगा। अर्थात ऐसा न्यायालय जिसमें कोई भी आम जनता कार्यवाही को देख सकती है, किसी भी आम नागरिकों को कार्यवाही के समय आने जाने से नहीं रोका जाएगा वह न्यायालय एक खुला न्यायालय होगा।
परन्तु किसी विशेष सुनवाई, विचारण, जाँच के समय न्यायालय का पीठासीन अधिकारी किसी आम जनता या किसी विशिष्ट व्यक्ति को प्रवेश करने से रोक सकता है यह सिर्फ़ विशेष मामलों की सुनवाई में ही होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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