CPC 29- विदेश में रह रहे नागरिक को समन भेजने का कानून, जानिए

कोई सिविल मामला या राजस्व मामला भारत के सिविल या राजस्व न्यायालय में प्रस्तुत है एवं प्रतिवादी विदेश की सरजमीं पर रहता है, तब क्या ऐसे प्रतिवादी को छोड़ दिया जाएगा या उसे भी समन भेजा जाएगा। जानिए महत्वपूर्ण जानकारी:-

सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 29 की परिभाषा

जब कोई सिविल मामला या कोई राजस्व मामला न्यायालय में लंबित हो गया है एवं समन को ऐसे स्थान पर भेजना है जहाँ पर भारत का कानून  लागू नहीं है अर्थात सिविल संहिता या राजस्व संहिता लागू नहीं है तब न्यायालय को प्रतिवादी को समन भेजना है तो निम्न नियम के अनुसार भेजेगा जानिए:-

1. केंद्रीय सरकार की स्वीकृति के अनुसार उन राज्यों या देशों में भेजे जाएंगे जहाँ यह संहिता लागू नहीं है।
2. उस विदेश न्यायालय को समन इस प्रकार  भेजा जाएगा जैसे की उस राज्य या देश के न्यायालय में है संहिता का विस्तार हो।
3. उस विदेशी न्यायालय का कर्तव्य होगा कि वह समन को प्रतिवादी को ऐसे तामील करवाएगा जैसे समन उसी न्यायालय का हो।

साधारण शब्दों में कहे तो भारत का न्यायालय किसी विदेशी न्यायालय को समन भेजेगा फिर विदेश का न्यायालय उस समन को प्रतिवादी को ऐसे तामील करेगा की मामला विदेश का ही है न की भारत के न्यायालय का। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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