आयकर विभाग ने धार्मिक संस्थाओं को दान के नियम बदल दिए हैं। अब आयकर दाताओं को बताना होगा कि उन्होंने जिस संस्था को दान दिया है वह संस्था धार्मिक गतिविधियों का संचालन करती है अथवा धर्मार्थ गतिविधियों का संचालन करती है। धार्मिक और धर्मार्थ के बीच में अंतर स्पष्ट करना होगा।
दिन में 200000 से ज्यादा का दान देने वालों के लिए नियम
नए नियम एक अक्टूबर 2023 से लागू होंगे। नए नियमों के अनुसार, धर्मार्थ संस्थानों को ऐसे लोगों की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी, जिनसे एक दिन में दो लाख रुपये से ज्यादा की राशि दान में मिली है। इसमें दान देने वाले का नाम, पता और पैन नंबर (यदि उपलब्ध हो) की जानकारी देनी होगी।
आयकर अधिनियम के तहत 80जी प्रमाणपत्र पंजीकरण के नियम बदले
नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर विश्वास पंजियार का कहना है कि सरकार ने हाल ही में कर छूट का दावा करने वाले या आयकर अधिनियम के तहत 80जी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए धर्मार्थ संस्थानों के लिए लागू पंजीकरण नियमों को नया रूप दिया है। विश्वास पंजियार ने कहा कि सरकार ने अब आयकर नियमों (नियम 2सी, 11एए और 17ए) में बदलाव किए हैं। संशोधित नियम एक अक्टूबर 2023 से ही लागू होंगे। इसके अलावा संबंधित फॉर्म के अंत में दिए गए अंडरटेकिंग में भी थोड़े बदलाव किए गए हैं।
स्कूल और अस्पताल भी धर्मार्थ संस्था
आयकर कानून के तहत धर्मार्थ संस्थानों, धार्मिक ट्रस्टों और चिकित्सा एवं शैक्षणिक संस्थानों की आय को कर से छूट मिली हुई है। हालांकि इस छूट के लिए इन संस्थानों को आयकर विभाग के पास पंजीकरण कराना होता है।
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