शराब की दुकान चलाने वालों से कैंट बोर्ड के अधिकारियों के गुप्त रिश्ते की शिकायत के साथ हाई कोर्ट में प्रस्तुत की गई याचिका की लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय ने सभी को नोटिस जारी करके जवाब तलब कर लिया है।
नियम बनाया लेकिन पालन नहीं किया
मध्यप्रदेश के जबलपुर कैंट क्षेत्र में बिना ट्रेड लाइसेंस के सन 2016 से संचालित शराब की दुकानों के मामले में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसकी सुनवाई जस्टिस शील नागू एवं जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की खंडपीठ द्वारा की गई। याचिकाकर्ता का आरोप है कि कैंट बोर्ड द्वारा अप्रैल 2016 में निर्धारित किया गया था कि अंग्रेजी शराब की दुकानों से ट्रेड लाइसेंस फीस 4.5 लाखों रुपए तथा देसी शराब की दुकानों से 1.5 लाख रुपए और बीयर बार से 2.5 लाखों रुपए लिए जाएंगे। लेकिन पाल दुकानों में से किसी से भी या निर्धारित की गई फीस नहीं ली गई।
व्यक्तिगत लाभ के लिए कठोर नियम बनाए थे
इतना ही नहीं कैंट बोर्ड द्वारा किसी भी दुकानदार को नोटिस तक नहीं दिया गया। जबकि अन्य दुकानदारों से एडवांस फीस वसूल की जाती है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने शराब की दुकान संचालकों थे कोई व्यक्तिगत लाभ प्राप्त कर लिया है। जिसके चलते वह अपने पद के कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। WP /6436/2023 पर लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सभी अन आवेदकों को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब तलब कर लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं श्री विनायक प्रसाद शाह ने पैरवी की।
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