मध्यप्रदेश के जबलपुर में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार एवं कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन के निर्देशानुसार जिले के मुख्य रेलवे स्टेशन एवं मदनमहल रेलवे स्टेशन के एक किलोमीटर क्षेत्र में बाल श्रम उन्मूलन के लिये अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें मदन महल रेलवे स्टेशन के निकट हर्षिका ऑटोमोबाईल में एक बाल श्रमिक एवं डी.एम. मोटर्स एण्ड रिपेयरिंग सेंटर में एक कुमार श्रमिक तथा मुख्य रेलवे स्टेशन जबलपुर के निकट कैली ऑटो पार्टस वर्क शॉप में एक किशोर श्रमिक इस प्रकार कुल 03 बाल-किशोर श्रमिक पाये गए।
बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986
इसके आधार पर उक्त नियोजको के विरूद्ध बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 एवं संशोधित अधिनियम 2016 के तहत कार्यवाही की गई। उक्त कार्यवाही में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्य, श्रम विभाग से श्रम निरीक्षक, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, एसजीपीयू, चाईल्ड लाईन एवं जनसाहस के सदस्य उपस्थित थे। नियोजको को समझाइश दी गई, कि अधिनियम की धारा 3 के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बालकों का नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है तथा 3(ए) के तहत खतरनाक नियोजनों में 18 वर्ष से कम के कुमार श्रमिको को नियोजित करना दण्डनीय अपराध है।
साथ ही कहा गया कि बाल श्रमिक नियोजित पाये जाने पर उक्त अधिनियम की धारा 14 अंतर्गत जुर्माना 20 हजार से रू. 50 हजार एवं 6 माह से 2 वर्ष तक कारावास अथवा दोनो से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। जिले में बालश्रम विमुक्ति अभियान सतत् रूप से जारी है। उल्लेेखनीय है कि इस विषय को लेकर 12 जून को अंतराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता रैली का आयोजन भी किया जावेगा।
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