Jiwaji University Gwalior
जीवाजी यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार श्री देवेंद्र वर्मा अब ग्वालियर पुलिस के टारगेट पर आ गए हैं। एमबीबीएस की मार्कशीट मामले में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने हाई लेवल प्रेशर आने के बाद पुलिस टीम को रिकॉर्ड देने के लिए यूनिवर्सिटी में बुला लिया लेकिन रिकॉर्ड नहीं दिया। असिस्टेंट रजिस्ट्रार देवेंद्र वर्मा ने अपना मोबाइल ऑफ कर लिया और खुद को रिकॉर्ड रूम में बंद कर लिया।
मामला क्या है- संक्षिप्त में पढ़िए
ग्वालियर के सिटी सेंटर स्थित होटल विराट इन में से पिछले दिनों झांसी रोड पुलिस ने मालेगांव निवासी प्रतीक्षा दायमा और मोहम्मद शफीक को पकड़ा था। यह लोग ग्वालियर के मेडिकल कालेज से 2018 में एमबीबीएस कर चुकी प्रतीक्षा शर्मा की डिग्री, इंटर्नशिप सर्टिफिकेट निकलवाने के लिए आए थे। डिग्री से पहले मार्कशीट निकलवा चुके हैं। पुलिस को खबर मिली थी कि यह रैकेट स्टूडेंट्स की डिग्री का मिस यूज करता है। पुलिस को यह जानकारी भी मिली थी कि जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के कुछ कर्मचारी और एजेंट इस रैकेट में शामिल है।
पुलिस द्वारा पकड़े गए प्रतीक्षा और मोहम्मद शफीक के पास से कुछ और लोगों के नाम भी मिले हैं। इन लोगों ने विधिवत आवेदन किया था और मात्र 24 घंटे के भीतर इन्हें मार्कशीट की डुप्लीकेट कॉपी जारी कर दी गई थी। पुलिस को इन्वेस्टिगेशन में पकड़े गए आरोपियों से संबंधित पूरे रिकॉर्ड की जरूरत है।
झांसी रोड थाना प्रभारी शैलेंद्र भार्गव ने बताया परीक्षा विभाग के असिस्टेंट रजिस्ट्रार देवेंद्र वर्मा ने रिकार्ड के लिए तब बुलाया था, जब वरिष्ठ अधिकारियों ने कुलपति से संपर्क किया। एसआइ चेतन यादव के साथ टीम को रिकार्ड लेने के लिए भेजा। टीम को परीक्षा विभाग में यह कहकर बैठा लिया कि रिकार्ड तैयार कर दे रहे हैं। करीब ढाई घंटे बीतने के बाद जब एसआइ चेतन यादव ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार को काल किया तो उनका मोबाइल बंद आने लगा। असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने दफ्तर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
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