Maharaja Chhatrasal Bundelkhand Vishwavidyalay, chhatarpur
मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हुए भर्ती घोटाला में संदिग्ध डॉ बहादुर सिंह परमार को परीक्षा नियंत्रक के पद से हटा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है और माना जा रहा है कि चुनावी साल में हुए इस घोटाले में प्रभावी कार्रवाई होगी ताकि जनता के बीच अच्छा संदेश जाए।
MCBU NEWS- 12 घंटे से भी कम समय में रिजल्ट घोषित कर दिया
उल्लेखनीय है कि महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर टीआर थापक का कार्यकाल खत्म होने वाला था। इसके ठीक पहले आनन-फानन में तत्कालीन कुलपति प्रो टीआर थापक तथा रजिस्ट्रार डा.एसडी चतुर्वेदी के निर्देशन में 18 जून 23 रविवार को भृत्य/चौकीदार के 16 पदों के लिए ओएमआर शीट पर परीक्षा का आयोजन किया गया और सोमवार 19 जून को रिजल्ट घोषित कर दिया गया। परीक्षा रविवार को हुई थी। यानी रिजल्ट बनाने के लिए कुल 12 घंटे का समय भी नहीं लगा। जबकि उम्मीदवारों की संख्या 1548 थी।
एक ही परिवार के चार सदस्य मेरिट में
ऐसा चमत्कार भी बहुत कम होता है। एक ही परिवार के चार सदस्य मेरिट में आ गए। दिनांक 2 जून को जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छतरपुर के दौरे पर आए थे तब, इस घोटाले के संबंध में एक पत्र भी वायरल हुआ। डॉ शुभा तिवारी को राज्यपाल महोदय ने हाल ही में कुलपति के पद पर नियुक्त किया है। उन्होंने इस मामले में पहली कार्रवाई की है। परीक्षा के लिए वैधानिक रूप से जिम्मेदार डॉ बहादुर सिंह परमार परीक्षा नियंत्रक के पद से हटा दिया गया है। अब देखना यह है कि, इस घोटाले में क्या कोई निष्पक्ष कार्रवाई हो पाती है।
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