Madhya Pradesh weather forecast
जमीन से देखने पर आसमान साफ दिखाई देता है। कहीं पर धूप खिली है और कहीं पर बादल छाए हुए हैं परंतु समुद्र तल से 1 किलोमीटर की ऊंचाई पर आसमान में मानसून और तूफान के बीच में जंग चल रही है। विपरजॉय नाम के तूफान ने मानसून के बादलों को भारतीय सीमा के आसमान में आगे बढ़ने से रोक रखा है।मानसून और तूफान की लड़ाई का अंत क्या होगा
विपरजॉय तूफान इस समय राजस्थान से मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश की तरफ आगे बढ़ रहा है। मानसून भी उत्तर प्रदेश के आसमान की तरफ बढ़ रहा है। तूफान कितना भी ताकतवर हो, लेकिन समुद्र से संपर्क टूटने के बाद कमजोर हो जाता है। गुजरात में उसका रौद्र रूप दिखाई दिया था। राजस्थान में भी उसने जनजीवन को प्रभावित किया परंतु मध्यप्रदेश में वैज्ञानिकों की उम्मीदों से भी ज्यादा कमजोर है। यानी जब उत्तर प्रदेश के आसमान में पहुंचेगा तब मरणासन्न अवस्था में हो जाएगा। ऐसी स्थिति में मानसून के बादल उसका खात्मा कर देंगे और फिर मानसून खुले आसमान में आगे बढ़ते हुए पूरे भारत को अपने आगोश में ले लेगा।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से मानसून के बादल 1 जून को भारत की जमीन पर पहली बारिश करते हैं। इस बार समुद्र में भटक गए थे। 8 दिन देरी से पहुंचे हैं और अब तूफान की हवाओं के कारण दक्षिण पश्चिम में ही अटके हुए हैं। जैसे-जैसे तूफान कमजोर होता जा रहा है मानसून आगे बढ़ता जा रहा है। ताजा खबर मिली है कि मानसून के कुछ बादल मध्य प्रदेश की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। यह बादलों का एक छोटा टुकड़ा है जो हल्की बारिश करेगा, लेकिन पीछे आने वाले बादलों के लिए रास्ता बना देगा। वैज्ञानिकों द्वारा उम्मीद की जा रही है कि 25 जून तक मानसून के हाथों तूफान का खात्मा हो जाएगा और फिर भारत के आसमान पर मानसून का राज होगा।
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