समुद्र में लंबी यात्रा करने के बाद भारत की जमीन पर वर्षा करने के लिए मानसून केरल से प्रवेश कर चुका है। दूसरी गुड न्यूज़ यह है कि, मानसून के लिए रास्ता खाली है। किसी भी प्रकार की कोई विघ्न बाधा नहीं है। परिस्थितियां अनुकूल है और मानसून अपनी गति से आगे बढ़ रहा है।
भारत में मानसून का मार्ग
भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया कि, मॉनसून की उत्तरी सीमा (NLM) अक्षांश से होकर गुजर रही है। 13.5"N/ देशांतर 55 E, अक्षांश, 14.0 N/ देशांतर, 60°E, अक्षांश 13.5 N/ देशांतर। 65°E, अक्षांश 13 N/ देशांतर 70 E, कन्नूर, कोडाइकनाल, आदिरामपट्टिनम, अक्षांश। 12.0 N/ देशांतर , 83.0°E, 16.0 N/88.0°E 18.5 N/90.0°E, 22.0 N/93.0°E
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के आसमान में मानसून के लिए रास्ता बिल्कुल साफ है। इसके अलावा पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी, भारत के पूर्वोत्तर राज्य, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और हिमालय के कुछ इलाकों में मानसून के लिए परिस्थितियां अगले 24 घंटे में अनुकूल हो जाएंगी। सरल हिंदी में बात करें दो मानसून को रोकने के लिए फिलहाल कोई नहीं है। मदमस्त बादल अपनी गति से लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि, 8 दिन की देरी से चल रहे हैं। समुद्र पार करने में इस बार मानसून के बादलों को ज्यादा वक्त लगा।
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