Madhya Pradesh Chunav politics news
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियां चल रही है। कांग्रेस पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह द्वारा घोषित सीएम कैंडिडेट श्री कमलनाथ द्वारा चुनावी घोषणा की जा रही है। मजेदार बात यह है कि कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में जो घोषणा की थी। मध्यप्रदेश में उन घोषणाओं में 50% की कटौती की गई है।
कांग्रेस द्वारा कर्नाटक और मध्य प्रदेश की चुनावी घोषणाओं में अंतर
✅ गृह ज्योति: कर्नाटक में 200 यूनिट मुफ्त बिजली, मध्य प्रदेश में 100 यूनिट बिजली मुफ्त।
✅ गृह लक्ष्मी: कर्नाटक में महिलाओं को ₹2000, मध्यप्रदेश में ₹1500 यानी ₹6000 सालाना की कटौती।
✅ अन्न भाग्य: कर्नाटक में गरीबों को 10 किलो चावल, मध्यप्रदेश में कोई घोषणा नहीं।
✅ युवा निधि: कर्नाटक में ग्रेजुएट युवाओं को ₹3000 बेरोजगारी भत्ता, मध्यप्रदेश में कोई घोषणा नहीं।
✅ शक्ति: कर्नाटक में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा, मध्यप्रदेश में कोई घोषणा नहीं।
जबकि कर्नाटक आसान था, मध्यप्रदेश में बड़ा चैलेंज है
चलते-चलते बताना जरूरी है कि, कांग्रेस पार्टी के लिए कर्नाटका आसान था। मध्यप्रदेश में बड़ा चैलेंज है। पंडित जवाहरलाल नेहरू के जमाने से मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा वाली पार्टियों के लिए मतदाताओं के दिल में सॉफ्ट कॉर्नर रहा है। मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तब भी भारतीय जनता पार्टी काफी मजबूत थी। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के पास सीटों की संख्या ज्यादा थी परंतु टोटल वोट परसेंट की बात करें तो मध्यप्रदेश में लोगों ने भाजपा को वोट दिए थे।
कुल मिलाकर मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा चैलेंज है और यदि 2023 का विधानसभा चुनाव नहीं जीते तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की हालत उत्तर प्रदेश जैसी हो जाएगी। ऐसी विषम स्थिति के बावजूद घोषणाओं में कटौती और कंजूसी क्यों? सवाल तो बनता है।
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