मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में बलात्कारी बॉयफ्रेंड एवं आरक्षक को सजा से बचाने के लिए उसका डीएनए सैंपल बदलने वाले 3 सिपाहियों को कोर्ट ने 3-3 साल जेल की सजा सुनाई है।
3 साल फिजिकल के बाद ब्रेकअप कर लिया
उप-संचालक अभियोजन डा. साकेत व्यास ने बताया कि 5 दिसंबर 2020 को एक युवती ने पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक अजय अस्तेय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। युवती ने पुलिस को बताया था कि वह उन्हेल की रहने वाली है। उज्जैन में वह न्यू अशोक नगर कालोनी में किराए के मकान में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है।
अजय उसके पड़ोस में रहता था। इसलिए उससे परिचय हो गया। अजय ने शादी का झांसा देकर तीन साल तक उसने कई बार शारीरिक संबंध बनाए। जब भी युवती उससे शादी के लिए कहती तो वह बहाने बनाता। बोलता, तुम अभी पढ़ाई करो। शादी बाद में करेंगे। युवती को पता चला कि अजय की सगाई किसी दूसरी लड़की से हो रही तब उसने अजय से शादी करने को कहा था। जिस पर उसने इंकार कर दिया था। मामले में युवती ने एसपी को शिकायत की थी। जांच में आरक्षक दोषी पाया गया था। जिस पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
डीएनए सैंपल बदलते हुए रंगे हाथों पकड़े गए
मेडिकल के लिए आरोपित अजय को जिला अस्पताल ले जाया गया था। यहां अजय के बदले उसका दोस्त बलराम द्वारा डीएनए सैंपल हेतु नमूने दे दिए गए। इस काम में अजय के दोस्त व आरक्षक घनश्याम मालवीय तथा तबरेज खां भी मिले हुए थे। मेडिकल के लिए गई महिला एसआइ व डाक्टर ने देखा कि अजय के बदले कोई और सैंपल दे रहा है। इस पर मामला पकड़ में आया था। इस करतूत में अस्पताल का एक स्वीपर जगदीश भी मिला हुआ था।
मामले में मंगलवार को कोर्ट ने आरक्षक अजय अस्तेय उम्र 25 वर्ष, घनश्याम मालवीय उम्र 32 वर्ष, तबरेज खां उम्र 22 वर्ष, बलराम सूर्यवंशी उम्र 22 वर्ष सभी निवासी उज्जैन को धारा 417, 419/34, 201, 120बी के तहत तीन साल का सश्रम कारावास एवं 16 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं एक अन्य आरोपित जगदीश की मौत हो चुकी है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक रवींद्र कुशवाह ने की।
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