मध्य प्रदेश के दमोह में हिजाब जैसी दिखने वाली स्कूल यूनिफार्म से शुरू हुआ मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर दमोह पुलिस ने स्कूल संचालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 295, 506 और जूविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उल्लेख अनिवार्य है कि दमोह कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल ने स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी।
दमोह डायरी मामले में जिला शिक्षा अधिकारी का रोल
जब सबसे पहले हिजाब जैसी दिखने वाली यूनिफार्म का मामला सामने आया था तब कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल के आदेश पर जो जांच दल गठित किया गया था उसके लीडर जिला शिक्षा अधिकारी श्री एसके मिश्रा थे। जांच टीम ने 24 घंटे के भीतर स्कूल संचालक को क्लीन चिट दे दी। इतना ही नहीं, जब भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने पोस्टर पर आपत्ति उठाई तो स्कूल संचालक के समर्थन में जिला शिक्षा अधिकारी ने लगातार मीडिया में आकर बयान बाजी की। अब पता चला है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने 4 सरकारी स्कूलों के भवन विवादित स्कूल संचालक के नाम तेंदूपत्ता भंडारण के लिए आवंटित कर दिए थे। यानी 4 सरकारी स्कूलों को विवादित स्कूल संचालक का गोदाम बना दिया था।
आयोग ने दीवारों की पुताई मामले में FIR की सिफारिश की
विवाद सामने आने के बाद विवादित स्कूल की दीवारों पर पुताई करवाई गई है। बाल आयोग का मानना है कि इस प्रकार से जांच प्रक्रिया के बीच में दीवारों की पुताई करवा कर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया गया है। यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि स्कूल की महिला प्राचार्य सहित कुल 3 महिला शिक्षक कन्वर्ट हो चुकी हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की मांग
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा अग्रिम मोर्चा पर आ गए हैं। उनका कहना है कि हजारों एकड़ की जमीन और इतना बड़ा साम्राज्य कैसे खड़ा हो गया। सबकी जांच होनी चाहिए। उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में दमोह जिला प्रशासन एवं दमोह स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
मामला सुरेंद्र भैया ने भोपाल समाचार के माध्यम से उठाया था
उल्लेखनीय है कि यह मामला दमोह कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा लोकल लेवल पर तत्काल दबा दिया गया था। कलेक्टर ने बयान दिया था कि, हमने जांच करा ली है और स्कूल में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। इसके बाद भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र भैया ने भोपाल समाचार डॉट कॉम के माध्यम से मामले को उठाया और मात्र 24 घंटे में यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया था। सुरेंद्र भैया ने इसकी जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाई। स्कूल शिक्षा मंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारी को हटा दिया। गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहेली FIR दर्ज हो गई। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में अभी कई खुलासे बाकी है।
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