Madhya Pradesh politics news
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हाई प्रोफाइल सीडी कांड में पूर्व मंत्री राघवजी को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। उनके खिलाफ भोपाल में जो FIR दर्ज की गई थी, हाई कोर्ट ने उसे निरस्त कर दिया है।झूठी FIR में क्या लिखा था
उल्लेखनीय है कि राघव जी के यहां निजी सेवा देने वाले एक युवक ने दिनांक 7 जुलाई 2013 को राजधानी भोपाल के हबीबगंज थाने में आपराधिक मामला दर्ज कराया था। शिकायत में बताया था कि वित्त मंत्री श्री राघवजी ने उसे सरकारी नौकरी लगवाने का लालच दिया। जिसके बदले में वह राघव जी के सरकारी बंगले में उनकी सेवा करता था। इस दौरान राघव जी द्वारा उसे अप्राकृतिक यौन प्रताड़ना दी जाती थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि जब उसकी सारी उम्मीदें टूट गई तब उसने अपने एक साथी की मदद से वीडियो बनवाया क्योंकि इतने वरिष्ठ और कद्दावर मंत्री के खिलाफ उसकी शिकायत को बिना प्रमाण के कोई सुनने को तैयार नहीं था।
सीडी कांड के बाद राघवजी की राजनीति खत्म हो गई थी
उन दिनों यह मामला काफी चर्चा में रहा था। विदिशा के रहने वाले श्री राघव जी को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद उन्हें चुनाव में टिकट भी नहीं मिला और उन्हें पार्टी द्वारा आमंत्रित करना भी बंद कर दिया गया था। उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा पूरी तरह से धूमिल हो गई थी।
कोर्ट में वकील की दलील
हाईकोर्ट में राघवजी के अधिवक्ता श्री शशांक शेखर ने कहा कि, FIR में कहीं जबरदस्ती प्रमाणित नहीं होती है। 6 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि यदि दोनों वयस्क हैं तो सहमति से समलैंगिक संबंध अपराध नहीं है। इस दलील के आधार पर उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ दर्ज की गई आईपीसी की धारा 377 के तहत FIR को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए।
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