Madhya Pradesh Chunav politics news
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के प्रत्येक क्रियाकलाप में चुनाव का दबाव स्पष्ट नजर आ रहा है। जल संसाधन विभाग के मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने मानसून के आने से पहले ही अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि इस साल कोई भी बांध टूटा या किसी भी बांध के कारण उन्हें सवालों का सामना करना पड़ा तो वह जिम्मेदार अधिकारी को छोड़ेंगे नहीं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल धार जिले में कारम नदी पर बना हुआ बांध टूट गया था। मामला प्रधानमंत्री तक पहुंच गया था।
MP TODAY- बारिश शुरू होने से पहले बांधों का फिजिकल इंस्पेक्शन कर लो
प्रेस अधिकारी श्री अरुण राठौर ने बताया कि, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने मंत्रालय में जल संसाधन विभाग की बैठक में निर्देश दिए कि बांध सुरक्षा, बाढ़ और आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों के लिए वैकल्पिक प्लान तैयार कर के रखे। बड़े और मध्यम स्तर के बाँध के संरक्षण, सुरक्षा का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट बनाई जाए। साथ ही सभी बाँध के गेट को खोलने और बंद करने के पूर्व सभी परिस्थितियों का आकलन कर लिया जाए। निर्माणाधीन परियोजना के संबंध में भी समीक्षा कर ली जाए। चेनल से पानी निकालने की व्यवस्था भी सुचारू बनाई जाए।
MP GOVT मंत्री ने अधिकारियों को 10 दिन का समय दिया
मंत्री श्री सिलावट ने नहरों की सफाई और मरम्मत का काम 10 दिन में पूर्ण करने के लिए सभी बड़े बांधों पर अधिकारियों की तैनाती और जिम्मेदारी तय करने उन्होंने कहा कि भोपाल में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए और सीसीटीवी कैमरे से भी सतत निगाह रखी जाए। किसी भी जलाशय में सीवेज़ और लीकेज की स्थिति तुरंत ठीक कर ली जाए। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि विगत 10 वर्ष में प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न समस्याओं का अध्ययन कर उसके अनुसार कार्य-योजना तैयार की जाए।
अभी से व्हाट्सएप ग्रुप बना लो
मानसून काल में बाढ़ की स्थिति से बचाव के लिये राजस्व विभाग के प्रभारी अधिकारियों एवं जिला स्तर पर गठित बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ के अधिकारियों के साथ समन्वय कर सभी के मोबाइल नंबर रखे जाए और व्हाटस् एप ग्रुप बना कर समीक्षा की जाए। जलाशयों के वॉटर लेवल, गेटों की स्थिति एवं वर्षा के आँकड़े व्हाटस् एप एवं फोन द्वारा प्रतिदिन भेजा जाना सुनिश्चित किया जाये।
मंत्रालय के सिचुऐशन रूम में बाढ़ की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है, इसलि डिज़ास्टर वॉरनिंग एण्ड रिस्पोंस सिस्टम में मोबाइल एप से आँकड़ों की प्रवृष्टि किया जाना सुनिश्चित किया जाये। जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त किया जाये।
15 जून से कंट्रोल रूम शुरू हो जाएगा
अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्र ने बताया की प्रदेश के 1362 जलाशयों का भौतिक सत्यापन कराया गया है, जिसका डाटा केंद्र और राज्य सरकार दोनों को उपलब्ध कराया गया है। कंट्रोल रूम राज्य स्तर पर स्थापित किया गया है, जिसमें 15 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। गुरूवार 15 जून से कंट्रोल रूम अपना काम शुरू कर देगा और हर 4 घंटे की अपडेट रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की अनुशंसा भी भेजेगा।
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