मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में टीचर्स की वैकेंसी फिल करने नोडल एजेंसी लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा मेरिट वाले उम्मीदवारों की पदस्थापना में गड़बड़ी के मामले में हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय को निर्देशित किया है कि वह शासन से निर्देश प्राप्त करके अगली सुनवाई में जवाब प्रस्तुत करें।
शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर नियम विरुद्ध पदस्थापना
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लगभग 18000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्तियों में बड़े पैमाने पर नियम विरुद्ध पदस्थापना की गई है। 2022 में हुई पात्रता परीक्षा के बाद ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट एवं स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट में रिक्त 18000 से अधिक पदों की पूर्ति हेतु दोनों डिपार्टमेंट द्वारा जॉइंट काउंसलिंग की जाकर कैंडिडेट को चॉइस फिलिंग में 50 से अधिक स्कूलों का चुनाव करने का अवसर दिया गया।
इसके बाद दिनांक 30 मार्च 2023 से लगातार 14 मई 2023 तक स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट एवं ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट ने डिस्ट्रिक्ट वाइज सिलेक्शन लिस्ट अर्थात नियुक्ति आदेश जारी किए। मेरिट में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के लगभग 2500 से अधिक अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में चयन करके ट्राइबल डिपार्टमेंट द्वारा संचालित रिमोट एरिया में स्थित स्कूलों में पदस्थापना दी गई। जबकि उक्त अभ्यर्थियों से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को उनके ही वर्ग में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में पदस्थापना दी गई।
उक्त संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ, रितेश आर शाह, यूनियन ऑफ़ इंडिया बनाम रमेश राम कथा प्रवीण कुमार कुर्मी बनाम मध्यप्रदेश राज्य एवं अन्य में स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं कि आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी उच्च स्थान प्राप्त करके मेरिट में अनारक्षित श्रेणी में चयनित होता है तो उसकी पदस्थापना उक्त अभ्यर्थी की पसंद की प्राथमिकता वरीयता पर की जाएगी।
मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा सैकड़ों अभ्यर्थियों को 4 साल सेवा के बाद हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में दिए गए दिशा-निर्देशों के बाद SAF से जिला बल, स्पेशल ब्रांच, क्राइम ब्रांच आदि में पदस्थापना की जा चुकी है लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पदस्थापना करते समय नियमों तथा सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर के उक्त तथ्यों से सहमत होते हुए जस्टिस शील लागू तथा जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की खंडपीठ द्वारा उक्त मुद्दे पर महाधिवक्ता कार्यालय को शासन से निर्देश प्राप्त करके अगली सुनवाई में अवगत कराने के निर्देश दिए गए।
wp/10300/2023 के याचिकाकर्ताओं के नाम आकांक्षा तिवारी, दिव्यांशी पटेल, पूर्णिमा सोनी, माधुरी धाकड़, भूपेंद्र सिंह, मनीष साहू, भानुप्रिया खटीक, प्रीति कुशवाहा, बंदना पटेल, अजय सिंह, स्वर्णकान्त आचार्य, अंजलि तिवारी, रौनक चौबे।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए।
✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।
क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।