6 महीने का संतान पालन अवकाश लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी कर रही डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का सरकार से टकराव शुरू हो गया है। सरकार ने उन्हें आमला, बैतूल जिले में आयोजित होने वाले सर्व धर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने की मंजूरी नहीं दी है। जवाब में निशा ने कहा है कि यदि शासन प्रशासन ने सहयोग नहीं किया तो हम चुप नहीं बैठेंगे। अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।
ताजा घटनाक्रम का विवरण
आमला में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति 25 जून को गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार सम्मान समारोह तथा सर्वधर्म शांति एवं शिक्षा केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम सहित सर्वधर्म समभाव यात्रा का आयोजन है। यात्रा में शामिल होने की अनुमति के लिए डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने 19 मई को मप्र शासन (सामान्य प्रशासन विभाग) को आवेदन दिया था, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने निशा बांगरे द्वारा चाही गई अनुमति को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 9 (2) और नियम 16 (2) के विरुद्ध पाया। इन्हीं नियमों का हवाला देकर डिप्टी कलेक्टर को कार्यक्रम/यात्रा में शामिल होने की परमिशन नहीं दी गई। वर्तमान में निशा आमला में सक्रिय हैं। एसडीएम मुलताई द्वारा तहसीलदार के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को शासन के निर्णय से अवगत करा दिया गया है।
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे आमला बैतूल में क्यों है
सबसे बड़ा सवाल यह है कि डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे बैतूल जिले की आमला विधानसभा क्षेत्र में क्यों है। उन्होंने संतान के पालन के लिए अवकाश लिया है। निशा बांदरी के पति सुरेश अग्रवाल का घर गुरुग्राम में है और वह दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। निशा का मायका बालाघाट जिले की किरणापुर तहसील में है। आमला विधानसभा क्षेत्र में ना तो उनकी ससुराल है और ना ही उनका मायका। इसके अलावा उनका कोई रिश्तेदार भी नहीं है। संतान के पालन के लिए छुट्टी लेकर निशा आमला विधानसभा में क्या कर रही हैं।
निशा बांगरे का आमला विधानसभा में जनसंपर्क
मध्यप्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी निशा बांगरे ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन उन पर आरोप लग रहे हैं कि वह राजनीति में सक्रिय हो गई हैं। आमला विधानसभा में उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी। इसके अलावा आमला विधानसभा क्षेत्र से उनका कोई रिश्ता नहीं है, लेकिन संतान पालन के लिए अवकाश लेकर निशा बांगरे लगातार किसी ना किसी बहाने से आमला विधानसभा क्षेत्र के लोगों से संपर्क में हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के बहाने लोगों का आशीर्वाद प्राप्त कर रही हैं। उनके मिलने जुलने का तरीका पूरी तरीके से चुनावी है। केवल पार्टी का झंडा उनके साथ नहीं है।
निशा बांगरे कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी
यह सुनिश्चित हो गया है कि डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर आंवला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। कमलनाथ की टीम उनके लिए सर्वे कर चुकी है और उन्हें चुनावी तैयारियों के लिए संकेत दे दिया गया है परंतु कमलनाथ में विश्वास की कमी के कारण अभी तक उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है बल्कि संतान पालन अवकाश लेकर जनसंपर्क शुरू कर दिया है।
संतान पालन के लिए छुट्टी ली है और संतान का पता नहीं
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने संतान पालन के लिए 6 महीने की छुट्टी ली है लेकिन यहां क्लिक करके उनकी फेसबुक प्रोफाइल देखिए। वह संतान पालन करते हुए दिखाई नहीं दे रही है बल्कि कुछ और करते हुए दिखाई दे रही हैं। यह बात सही है कि कोई भी कानून संतान पालन अवकाश के दौरान इस प्रकार की गतिविधियों पर प्रतिबंध नहीं लगा था परंतु नैतिकता के सिद्धांत कहती हैं कि जो कुछ भी है वह उचित नहीं है। यदि चुनाव लड़ना है तो इस्तीफा देकर चुनाव लड़ना चाहिए। छुट्टी लेकर जनसंपर्क करना अच्छी बात नहीं है। निशा बांगरे एमपीपीएससी की टॉपर हैं। उन्हें इस प्रकार कानून की कमियों का फायदा नहीं उठाना चाहिए बल्कि आदर्श स्थापित करना चाहिए।
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