Madhya Pradesh government employees High Court news
जबलपुर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा फरवरी 2022 में भरे मंच से सस्पेंड किए गए प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पवन कुमार सिंह के मामले में हाईकोर्ट ने रीवा कमिश्नर और सीधी कलेक्टर से जवाब तलब किया है। यदि जवाब नहीं दिया तो अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा।DEO पवन कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री की कार्रवाई को हाई कोर्ट में चैलेंज किया
अधिवक्ता श्री भूपेंद्र शुक्ला ने बताया कि 10 फरवरी 2022 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भरे मंच से प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री पवन कुमार सिंह को सस्पेंड करने का ऐलान किया था। इसके बाद कमिश्नर रीवा द्वारा निलंबन आदेश जारी किया गया। श्री पवन कुमार सिंह का कहना है कि यह कार्रवाई दुर्भावना पूर्वक एवं राजनीति से प्रेरित थी। कलेक्टर का प्रतिवेदन, मुख्यमंत्री का ऐलान और कमिश्नर द्वारा जारी किया गया निलंबन आदेश, सब कुछ एक ही दिन में हुआ है। उपरोक्त तर्कों को लेकर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
दिनांक 21 दिसंबर 2022 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता श्री पवन कुमार सिंह के निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए उन्हें पुनः अपने पद पर पदस्थ करने का आदेश जारी किया गया परंतु रीवा कमिश्नर एवं सीधी कलेक्टर द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। इसके कारण पीड़ित याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल कर दी है। हाईकोर्ट ने उपस्थित सरकारी अधिवक्ता से कहा कि वह 2 दिन के भीतर कलेक्टर और कमिश्नर से पूछ कर बताएं कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया।
यदि जवाब नहीं दिया तो, व्यक्तिगत रूप से हाजिरी के लिखित आदेश जारी किए जाएंगे। विद्वान न्यायमूर्ति श्री संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 19 जून 2023 निर्धारित की है।
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