मध्यप्रदेश ट्राइबल डिपार्टमेंट में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में अंडर ग्राउंड हुए आरोपी, कर्मचारी नेता एवं सरकारी कर्मचारी, राजेश सावकारे शासकीय शिक्षक, भालचंद्र पवार छात्रावास अधीक्षक, नरेंद्र महाजन प्राचार्य के खिलाफ पुलिस ने फाइल तैयार कर ली है। सभी को भगोड़ा घोषित करके उनकी संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
बुरहानपुर ट्राइबल घोटाले में यह चार फरार
छात्रावास अधीक्षक भालचंद पवार को पुलिस इस मामले में तलाश कर रही है। उसके खाते में 5.50 लाख रुपए विभाग के खाते से डाले गए थे, जिसका दस्तावेजों में किसी तरह का उल्लेख नहीं है। पुलिस उससे पूछताछ कर पाती, इसके पहले ही वह फरार हो गया। पवार के भाई नायब तहसीलदार है। इसके अलावा पुलिस राजेश सावकारे, नरेंद्र महाजन और भरत सालुंके की तलाश में जुटी हुई है।
सबसे पहले विभागीय लेखा शाखा प्रभारी नारायण पाटिल को पुलिस ने पकड़ा था। उससे पूछताछ में कई खुलासे हुए। भृत्य मनोज पाटिल के लिप्त होने पर कुछ दिन पहले उसकी गिरफ्तारी हुई थी। दो दिन पहले देड़तलाई स्कूल के प्राचार्य अबरार खान को भी पकड़कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। चौथी गिरफ्तारी नावरा स्कूल में पदस्थ एक प्रधान पाठक की हुई। आरोप है कि ग्राम सीवल में 2012 में छात्रावास अधीक्षक रहते हुए प्रधान अध्यापक कैलाश पांचाल ने राशि का गबन किया था।
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 4 लाख रूपए भी जब्त किए हैं। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग के धोखाध़डी प्रकरण में जांच प्रतिवेदन के आधार पर थाना लालबाग में धारा 420, 409 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया था।
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