Madhya Pradesh Government employees transfer policy news
मध्य प्रदेश मंत्री परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्मचारियों के ट्रांसफर पर लगा हुआ प्रतिबंध 15 दिन के लिए हटा दिया है। दिनांक 30 जून तक कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जा सकेंगे। 14 जून की बैठक में प्रतिबंध हटाया गया और शाम को ट्रांसफर पॉलिसी भी जारी कर दी गई है। कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं कि, एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण के लिए अलग से कोई नीति जारी होगी। आइए जानते हैं कि शासकीय कर्मचारियों के एक जिले से दूसरे जिले में तबादले होंगे या नहीं।
मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण नीति
समाचार लिखे जाने तक सामान्य प्रशासन विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा ऐसी कोई नीति जारी नहीं की गई थी। जिले के अंदर कर्मचारियों के स्थानांतरण की नीति जारी की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों का कहना है कि, राज्य स्तरीय स्थानांतरण के लिए कोई पॉलिसी तैयार नहीं की गई है और ना ही ऐसी किसी ट्रांसफर पॉलिसी को जारी करने के कोई संकेत या निर्देश मिले हैं।
मध्यप्रदेश कर्मचारियों की राज्यस्तरीय ट्रांसफर पॉलिसी क्यों नहीं
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि चुनावी साल होने के कारण एक जिले से दूसरे जिले में होने वाले राज्य स्तरीय स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि ज्यादातर कर्मचारी चुनाव आयोग के काम में संलग्न है। सभी कर्मचारी चुनाव के लिए प्रशिक्षित भी हैं। अगस्त और सितंबर में वोटर लिस्ट का काम होना है। यदि इन कर्मचारियों का ट्रांसफर हो गया तो चुनाव का कार्य प्रभावित हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निकाला बीच का रास्ता
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीच का रास्ता निकाला है। मंत्री परिषद की पिछली मीटिंग में मंत्रियों के समूह ने तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया था। दबाव की स्थिति बन गई थी। चुनावी साल में मुख्यमंत्री किसी भी प्रकार का विवाद नहीं चाहते और शासकीय कर्मचारियों के एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर के कारण बहुत विवाद होते हैं। विपक्ष हमलावर हो जाता है और सरकार के कामकाज भी प्रभावित होते हैं।
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