मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की मुलताई तहसील में भारतीय जनता पार्टी से बगावत करके नगर पालिका अध्यक्ष बनी नीतू परमार का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया गया है। कोर्ट ने कलेक्टर को आदेश दिया है कि 1 महीने के भीतर नए अध्यक्ष का चुनाव करवाएं।
नीतू परमार, बागियों के वोट से अध्यक्ष बनी थी
मुलताई नगर पालिका के चुनाव में भाजपा से बगावत कर पार्षद नीतू प्रहलाद परमार कांग्रेस समर्थन से अध्यक्ष बन गईं थीं। नीतू को भाजपा के तीन पार्षद द्वारा क्रास वोटिंग कर अध्यक्ष बना दिया जबकि भाजपा की अध्यक्ष पद की घोषित उम्मीदवार वर्षा गढ़ेकर को मात्र छह वोट मिले थे। भाजपा से बगावत कर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाली नीतू प्रहलाद परमार को 9 मत मिले थे और वे अध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दी गईं थी।
जीतने के बाद कांग्रेस में चली गई थी
मुलताई नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में गड़बड़ी को लेकर भाजपा की ओर से अध्यक्ष पद की प्रत्याशी वर्षा गढेकर ने मुलताई के प्रथम अपर जिला न्यायालय में अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय के माध्यम से याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए मंगलवार को प्रथम अपर जिला न्यायाधीश शालिनी शर्मा फैसला सुनाते हुए मुलताई नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव शून्य कर दिया। बैतूल कलेक्टर को आदेश दिए गए हैं कि एक माह में मुलताई नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव फिर से कराएं।
अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय ने बताया कि विचारण के दौरान न्यायालय ने अध्यक्ष पद के लिए डाले गए छह मतों को अवैध पाया है इसी आधार पर चुनाव को शून्य किया गया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने इस बगावत के बाद नीतू परमार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। एक मार्च 2023 को नगर पालिका अध्यक्ष नीतू परमार अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गईं थी।
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