सरकारी नौकरी के लिए जीवित रोजगार पंजीयन अनिवार्य नहीं: हाई कोर्ट - MP NEWS

Bhopal Samachar

Madhya Pradesh high court registration- employment registration

जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका पर बहस पूरी होने के बाद फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकारी नौकरी के लिए रोजगार कार्यालय में पंजीयन का जीवित होना अनिवार्य नहीं है। यदि उम्मीदवार में किसी प्रकार का झूठ नहीं बोला है, कोई फ्रॉड नहीं किया है, और भर्ती परीक्षा पास कर ली है तो उसे नियुक्ति प्राप्त करने का अधिकार है। 

बिना रोजगार पंजीयन के परीक्षा ले ली, नियुक्ति नहीं दी

नर्मदा पुरम की रक्षा पटेल सहित सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, सीहोर, हरदा, खंडवा आदि जिलों के 14 उम्मीदवारों ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की एकल पीठ के खिलाफ अपील दाखिल की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने न्यायालय में उनका पक्ष रखते हुए बताया कि, सभी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2020 के उम्मीदवार हैं। सभी ने भर्ती परीक्षा पास की। सभी ने फिजिकल टेस्ट भी पास कर लिया परंतु फिर भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। कहा गया कि रोजगार कार्यालय में उनका पंजीयन जीवित नहीं है। इसलिए उन्हें नौकरी नहीं दी जाएगी। एकल पीठ ने मध्यप्रदेश शासन को सही ठहराया था। इसलिए अपील दाखिल की गई। 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस एवं जस्टिस डीडी बंसल की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कहा कि, सरकारी नौकरी के लिए रोजगार कार्यालय में पंजीयन का जीवित होना अनिवार्य शर्त नहीं हो सकती। यदि उम्मीदवार में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं की है। उसने सभी परीक्षाओं को पास कर लिया है तो सिर्फ रोजगार पंजीयन के आधार पर उसे नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। विद्वान न्यायाधीशों ने शासन को निर्देशित किया है कि 60 दिन के भीतर उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी करें। 

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