Madhya Pradesh employee selection board Bhopal
सरकारी नौकरी के लिए भर्ती परीक्षा एवं प्रवेश परीक्षाओं में किसी भी प्रकार से नकल और बेईमानी को रोकने एवं परीक्षाओं की निष्पक्षता को स्थापित करने के उद्देश्य से गठित कर्मचारी चयन मंडल मध्य प्रदेश, भोपाल के सिस्टम में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। शिक्षक और पटवारी सहित दर्जनों परीक्षाएं बिना 5G जैमर के करवा दी गई। इस बात की जांच होना बहुत जरूरी है कि, यह केवल कोई गलती है या फिर सोची समझी साजिश के तहत किया गया घोटाला।
पेपर लीक हो गया फिर भी जैमर नहीं लगाया
मध्यप्रदेश में जबसे 5G नेटवर्क आया है तब से लेकर अब तक शिक्षक और पटवारी भर्ती परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं में 25 लाख से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हो चुके हैं। इस दौरान पेपर लीक होने का मामला भी सामने आ चुका है। यह भी स्पष्ट हो गया था कि परीक्षा केंद्र में मोबाइल फोन चल रहे थे। सबके बावजूद कर्मचारी चयन मंडल के चेयरमैन सहित किसी भी पदाधिकारी ने 5G मोबाइल फोन का नेटवर्क जाम करने के लिए कदम नहीं उठाया। सभी परीक्षाएं संपन्न हो जाने के बाद, अब जबकि चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, एक पत्रकार ने सवाल उठाया तो कमेटी बना दी गई है।
व्यापम से लेकर ESB तक हर घोटाले में कुछ नया सामने आता है
यह मध्यप्रदेश की एक ऐसी बदनाम संस्था है जिसका घोटालों के कारण 3 बार नाम बदला जा चुका है। पहले व्यवसायिक परीक्षा मंडल हुआ करता था। व्यापम घोटाले के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया क्या। फिर घोटाला हुआ तो कर्मचारी चयन मंडल कर दिया गया। रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए, इस संस्था में हुआ हर घोटाला अपने पिछले घोटाले से अलग है। हर घोटाले से पहले रिसर्च की जाती है और हर घोटाले के तार हाईप्रोफाइल लोगों से जाकर कनेक्ट होते हैं।
यदि मोबाइल नेटवर्क जैमर मामले की जांच ग्वालियर पुलिस को सौंप दी जाए तो सारा सच सामने आ जाएगा और हो सकता है एक बार फिर इस संस्था का नाम बदल जाए।
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