मध्य प्रदेश में कुछ कलेक्टर खुद को जिले का राजा मानते हैं, आम जनता की सरकारी योजनाओं के तहत भी मदद नहीं करते लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो योग्यता को प्रोत्साहित करने के लिए योजना की फाइल नहीं पलटते। डॉ. इलैयाराजा टी आईएएस ने ऐसा ही कुछ किया है।
मध्यप्रदेश में ऐसी कोई सरकारी योजना नहीं है
डॉ. इलैयाराजा टी आईएएस, वर्तमान में इंदौर कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं। पिछले दिनों एक दिव्यांग युवक राजू भूवेल उनसे मिलने के लिए आया। उसने बताया कि, वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है परंतु इसके लिए उसे लैपटॉप की जरूरत है और लैपटॉप खरीदने के लिए उसके पास पैसे नहीं है। उसे उम्मीद थी कि किसी सरकारी योजना के तहत उसे मदद मिल जाएगी परंतु मध्यप्रदेश में ऐसी कोई सरकारी योजना नहीं है। नियमानुसार कलेक्टर को उसे सही जानकारी देकर वापस लौटा देना चाहिए था परंतु इलैयाराजा ने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने अपने स्तर पर लोगों से चंदा इकट्ठा किया और लैपटॉप खरीद कर कैंडिडेट को दिया। राजू भूवेल ने कंप्यूटर साइंस से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली है। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग सहित कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। जातिवाद के जमाने में योग्यता को प्रोत्साहन, निश्चित रूप से सराहनीय कदम है।
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