मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 12 तक की पढ़ाई करवाई जाती है और माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा परीक्षा ली जाती है परंतु ग्वालियर में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक लड़की ने सरकारी स्कूल से MBBS की पढ़ाई की है और जीवाजी यूनिवर्सिटी ने उसकी मार्कशीट जारी कर दी है।
लड़की का नाम प्रतीक्षा दायमा है। उसमें जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर में एक ऑफलाइन आवेदन दिया। यह आवेदन सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश, भोपाल के नाम संबोधित है। इसमें लिखा है कि उसने सन 2018 में शासकीय माध्यमिक स्कूल से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। उसकी मार्कशीट पानी में भीगने के कारण खराब हो गई है। इसलिए डुप्लीकेट मार्कशीट जारी की जाए। इस आवेदन को जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर में प्राप्त किया गया और पावती के हस्ताक्षर भी हैं। जीवाजी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने 24 घंटे के भीतर एमबीबीएस की डुप्लीकेट मार्कशीट जारी कर दी।
आवेदन करने वाली लड़की प्रतीक्षा दायमा को जो मार्कशीट जारी की गई है वह डॉक्टर प्रतीक्षा शर्मा की है। मामले का खुलासा हो चुका है। डॉ प्रतीक्षा शर्मा की माताजी जीवाजी यूनिवर्सिटी में 24 साल से कार्यरत हैं। मामला पुलिस तक पहुंच चुका है और पुलिस ने प्रतीक्षा दायमा एवं उसके पुरुष मित्र को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह जीवाजी यूनिवर्सिटी का पहला और आखरी मामला है या फिर यह काला कारोबार लंबे समय से चल रहा था।
- क्या सरकारी अस्पतालों में फर्जी मार्कशीट वाले नियुक्त हो गए हैं।
- क्या केवल जीवाजी यूनिवर्सिटी में ही इस तरह की गंभीर गड़बड़ी हुई है।
- क्या मध्य प्रदेश की दूसरी यूनिवर्सिटी में ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ है।
- इस मामले में बड़े पैमाने पर जांच की जाने की जरूरत है।
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